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तीन पंचायतों की जमीन वन विभाग को देने की मिली मंजूरी

सफीदों-जींद स्टेट हाईवे को चौड़ा करने की परियोजना
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सफीदों-जींद स्टेट हाईवे। -निस
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सफीदों-जींद स्टेट हाईवे को 7 मीटर से बढ़ाकर 10 मीटर चौड़ा करने की परियोजना के तहत सरकार ने जिले के तीन गांवों उझाना खण्ड के खरल, अलेवा खण्ड के दुड़ाना और जुलाना खण्ड के शामलो कलां की शामलात जमीन पौधारोपण के लिए वन विभाग को दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

इन गांवों के प्रस्ताव व उपायुक्त की सिफारिश पर दी गई यह मंजूरी सशर्त है। तीनों गांवों की जमीन का कलेक्टर रेट पर भुगतान प्रदेश का लोक निर्माण विभाग सरकार से बजट लेकर करेगा। इस विभाग के एक अभियंता ने आज बताया कि सरकार से बजट मांग लिया गया है, जिसमें जमीन की कीमत के अलावा सड़क निर्माण के लिए हटाई जाने वाली बिजली लाइनों व खम्भों तथा पेयजल पाइपलाइन आदि का बजट भी शामिल है।

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क्षेत्र के दो राष्ट्रीय मार्गों से जुड़ी इस प्रमुख सड़क पर वाहनों की भीड़ बढ़ने से यातायात में दिक्कत आती है। क्षेत्र के अनेक लोगों ने इसके लिए जिला प्रशासन को बधाई देते हुए आग्रह किया है कि इस परियोजना की प्रक्रिया में अब और अनावश्यक विलम्ब ना हो। इस सड़क को चौड़ा करने की प्रक्रिया में वन विभाग के जो पेड़ कटेंगे उनके एवज में पौधारोपण के लिए यह जमीन वन विभाग को दी जानी है। जिला प्रशासन ने इन गांवों की जमीन को इस परियोजना के लिए चुना था। 5-6 माह पहले तीन ग्राम पंचायतों ने शामलात जमीन वन विभाग को देने के प्रस्ताव उपायुक्त जींद के माध्यम से सरकार को भेजे थे, जिनकी विधिवत स्वीकृति के लिए ही इतना समय लग गया।

स्वीकृति का पत्र पंचायतों को भेजा

राज्यपाल के आदेश के हवाले से विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव अमित अग्रवाल ने ऐसी विधिवत स्वीकृति का पत्र इन पंचायतों को भेजा है।

उझाना खंड के खरल गांव के मामले की ही बात करें तो वहां की चार एकड़ जमीन कंपनसेटरी फॉरेस्ट्री के लिए 21 लाख रुपए प्रति एकड़ के कलेक्टर रेट पर वन विभाग को दी जानी है। इसमें शर्त यह है कि जमीन का बिक्रीनामा दर्ज होने की तारीख से 2 साल की अवधि के भीतर जिस उद्देश्य के लिए जमीन ली जानी है वह पूरा करना होगा।

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