नहरों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं विसर्जित न करने की अपील
जल स्वच्छता के लिए कार्य कर रहे “सुनो नहरों की पुकार” मिशन ने उपायुक्त रोहतक सचिन गुप्ता को ज्ञापन सौंपकर भगवान गणेश की प्रतिमाओं को नहरों में विसर्जित न करने की अपील की है। मिशन ने सुझाव दिया कि मूर्ति विसर्जन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए जिससे आस्था भी बनी रहे और जल प्रदूषण भी रोका जा सके।
मिशन के महासचिव मुकेश नैनकवाल ने बताया कि यह ज्ञापन रोहतक सहित पांच जिलों के उपायुक्तों को भेजा गया है। मिशन के संस्थापक डॉ. जसमेर सिंह व संरक्षक दीपक छारा ने बताया कि नहरों का जल जिले में पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है। गणेश उत्सव में बड़ी संख्या में रंग-बिरंगी मूर्तियों को नहरों में विसर्जित किया जाता है, जिनमें प्लास्टिक, केमिकल, पेंट व अन्य हानिकारक पदार्थ होते हैं। इससे जलजीवों, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन पहले गौकर्ण तालाब को मूर्ति विसर्जन के लिए वैकल्पिक स्थल घोषित कर चुका है, जो सराहनीय कदम है। मिशन ने त्योहारों के दौरान नहरों के पुलों पर निगरानी हेतु पुलिस की ड्यूटी लगाने की भी मांग की है।
मिशन के महासचिव एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता मुकेश नैनकवाल द्वारा शहीद भगत सिंह के जन्म स्थल व समाधि स्थल से लाई गई मिट्टी को एक फ्रेम में लगवा कर उपायुक्त को भेंट किया। मुकेश ने वहां तक 1010 किलोमीटर की साइकिल यात्रा की थी। ज्ञापन देने वालों में मुकेश नैनकवाल, अजय सिंह हुड्डा, रामनिवास सिंह कार्यकारी अभियंता, वरिष्ठ सदस्य डॉ. रवींद्र नांदल, ईश्वर सिंह दलाल, रणबीर मलिक, जतीन मलिक व कमल अत्री, डॉ. संतलाल बुधवार, निर्मल पन्नू, गौरव मलिक मौजूद रहे।