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गांव खेड़ी कांटी की अनिता ने 16 वर्षीय बेटे को लीवर किया डोनेट

लीवर ट्रांसप्लांट के लिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री राहत कोष समेत आम जन ने भी की मदद
सुनील दीक्षित/निस कनीना, 20 मार्च मां की ममता के आगे सबकुछ गौण है। संतान पर कोई मुसीबत आती है तो मां का आंचल मुसीबत टालने के लिए बिछ जाता है। ऐसा ही वाकया महेंद्रगढ के अटेली विधान सभा के गांव खेड़ी कांटी में देखने को मिला। जहां एक महिला अनिता शर्मा ने आर्थिक रूप से विषम परिस्थितियों व चुनौतियों का सामना करते हुए अपने 16 वर्षीय पुत्र लक्ष्य त्रिपाठी को अपना लिवर डोनेट कर न केवल जीवनदान दिया, बल्कि परिवार की खुशियों को भी कायम रखा। अनिता शर्मा बीए पास होने के साथ-साथ कुशल गृहणी हैं। उनके पति गांव में ही छोटी सी दुकान चलाते हैं। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में डाॅ. नीलम मोहन की देखरेख में मां के लीवर को बेटे के लीवर की जगह प्रत्यारोपित किया गया। फिलहाल मां-बेटा स्वस्थ हैं जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। अनिता शर्मा दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। बेटे को जन्म से थी लीवर की समस्या 11वीं में पढ़ने वाले बेटे लक्ष्य त्रिपाठी को जन्म से ही लीवर की समस्या थी। चिकित्सकों ने 15-16 साल बाद लीवर ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी थी। परिजनों को तभी से उपयुक्त डोनर तलाशे जाने तथा लीवर ट्रांसप्लांट में होने वाले खर्चे की व्यवस्था बनाने को लेकर चिंता सताए जा रही थी। प्रदेश के नामी अस्पताल के चिकित्सकों ने लिवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए 22 लाख व दवा आदि के लिए 10-12 लाख रुपए अतिरिक्त खर्चें का एस्टिमेट बताया था। परिजनों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव, भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, प्रधानमंत्री राहत कोष व सोशल मीडिया के जरिए ग्राम व क्षेत्रवासियों से सहयोग की अपील की। रकम की व्यवस्था होने के बाद लक्ष्य की मां अनिता शर्मा ने बेटे को लीवर डोनेट करने की ईच्छा जताई। महिला की हिम्मत देख भाई महिपाल ने रक्त देने का बीड़ा उठाया। कनीना में लीवर डोनेट करने के बाद अस्पताल में उपचाराधीन लक्ष्य व मां अनिता शर्मा। -निस
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सुनील दीक्षित/निस

कनीना, 20 मार्च

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मां की ममता के आगे सबकुछ गौण है। संतान पर कोई मुसीबत आती है तो मां का आंचल मुसीबत टालने के लिए बिछ जाता है। ऐसा ही वाकया महेंद्रगढ के अटेली विधान सभा के गांव खेड़ी कांटी में देखने को मिला। जहां एक महिला अनिता शर्मा ने आर्थिक रूप से विषम परिस्थितियों व चुनौतियों का सामना करते हुए अपने 16 वर्षीय पुत्र लक्ष्य त्रिपाठी को अपना लिवर डोनेट कर न केवल जीवनदान दिया, बल्कि परिवार की खुशियों को भी कायम रखा। अनिता शर्मा बीए पास होने के साथ-साथ कुशल गृहणी हैं। उनके पति गांव में ही छोटी सी दुकान चलाते हैं। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में डाॅ. नीलम मोहन की देखरेख में मां के लीवर को बेटे के लीवर की जगह प्रत्यारोपित किया गया। फिलहाल मां-बेटा स्वस्थ हैं जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। अनिता शर्मा दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गई हैं।

बेटे को जन्म से थी लीवर की समस्या

11वीं में पढ़ने वाले बेटे लक्ष्य त्रिपाठी को जन्म से ही लीवर की समस्या थी। चिकित्सकों ने 15-16 साल बाद लीवर ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी थी। परिजनों को तभी से उपयुक्त डोनर तलाशे जाने तथा लीवर ट्रांसप्लांट में होने वाले खर्चे की व्यवस्था बनाने को लेकर चिंता सताए जा रही थी। प्रदेश के नामी अस्पताल के चिकित्सकों ने लिवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए 22 लाख व दवा आदि के लिए 10-12 लाख रुपए अतिरिक्त खर्चें का एस्टिमेट बताया था। परिजनों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव, भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, प्रधानमंत्री राहत कोष व सोशल मीडिया के जरिए ग्राम व क्षेत्रवासियों से सहयोग की अपील की।

रकम की व्यवस्था होने के बाद लक्ष्य की मां अनिता शर्मा ने बेटे को लीवर डोनेट करने की ईच्छा जताई। महिला की हिम्मत देख भाई महिपाल ने रक्त देने का बीड़ा उठाया।

कनीना में लीवर डोनेट करने के बाद अस्पताल में उपचाराधीन लक्ष्य व मां अनिता शर्मा। -निस

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