Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

डीसीआरयूएसटी में छात्र कल्याण फंड के दुरुपयोग के आरोप

छात्र ने राज्यपाल को शिकायत भेजकर जांच की उठाई मांग
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल में छात्र कल्याण फंड के करीब 50 करोड़ रुपये को बैंकों में जमा कराने में अनियमिताएं बरतने के आरोप हैं। विश्वविद्यालय के एक छात्र ने राज्यपाल को लिखे शिकायती पत्र में सरकारी बैंकों की एफडी को तोड़कर निजी बैंक में रुपये जमा करवाने के आरोप लगाए हैं।

पत्र में इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत कर अनुचित लाभ लेने की बात कही गई है। पत्र में स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

Advertisement

शिकायतकर्ता छात्र ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बिना किसी पारदर्शिता के छात्रों के फंड से जुड़ी करीब 50 करोड़ की राशि का दुरुपयोग किया है।

यह धनराशि विभिन्न बैंकों में एफडीआर (फिक्स्ड डिपाजिट रिसीट) के रूप में थी, जिसमें कई अनियमितताएं बरती गईं। जब शिकायतकर्ता का यह पत्र प्रसारित हुआ तो विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है। इस पर शिकायतकर्ता छात्र ने सवालों की झड़ी लगा दी और करीब एक दर्जन सवालों के जवाब मांगे हैं।

लाखों रुपये के ब्याज का सीधा नुकसान

शिकायत के अनुसार पहले छात्र कल्याण फंड की राशि को अलग-अलग बैंकों में एफडीआर के रूप में जमा कराया गया था। इन एफडीआर की मैच्योरिटी के बाद राशि न तो नवीनीकृत की गई और न ही मूल बैंक खातों में वापस ट्रांसफर की गई। 30 करोड़ रुपये की एफडीआर राशि को बिना किसी स्वीकृति के आईसीआईसीआई बैंक के सेविंग अकाउंट में स्थानांतरित कर दिया गया, जो सामान्य बचत खाता ब्याज दर पर पड़ी रही। 20 करोड़ रुपये की एफडीआर जो आईसीआईसीआई बैंक में थी उसे नवीनीकृत नहीं किया गया, जबकि बाकी बैंकों ने अपने एफडीआर स्वत: नवीनीकृत हो गई। शिकायत में बताया गया है कि यदि यह राशि 7.95 फीसदी की एफडीआर ब्याज दर पर जमा रहती तो विश्वविद्यालय को सवा करोड़ रुपये से अधिक ब्याज के रूप में मिलते। इस वित्तीय अनियमितता से ब्याज के तौर पर करीब 75 लाख का सीधा नुकसान हुआ है। शिकायतकर्ता ने राज्यपाल से मामले की स्वतंत्र जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है ताकि छात्रों की मेहनत की कमाई से जुड़े इस भारी-भरकम फंड का दुरुपयोग रोका जा सके और साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई हो सके।

''आरोपों में सच्चाई नहीं है, क्योंकि अभी एफडीआर तो करवाई ही नहीं, बल्कि पूरा पैसा आटो एफडीआर में है। इस मामले की फाइल चल रही है, अभी तक एफडीआर मैच्योर नहीं हुई है। एफडीआर केनरा बैंक में थी, जहां से मैच्योर होने के बाद बचत खाते में आ गई, जहां पर ब्याज दर 3.5 फीसदी थी। हमारी कुछ एफडीआर आईसीआईसीआई बैंक में थी, वहां पर पैसा ट्रांसफर कर दिया गया ताकि ब्याज का नुकसान न हो। अभी ब्याज दर फाइनल होने के बाद ही एफडीआर करवाई जाएगी। '' 

- संजय कुमार, वित्त नियंत्रक, डीसीआरयूएसटी मुरथल

Advertisement
×