कृषि मंत्री के बयान ने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़का : संपत्त सिंह
सुबह से लेकर शाम तक खाद बिक्री केन्द्रों पर लाइनों में खड़े रहते हैं और खाद न मिलने से निराश होकर रात को घर लौटते हैं। यह क्रम कई दिन से चल रहा है। कई जगह किसान संगठनों ने मजबूर होकर धरने दिए और गांव-गांव में पिछले सरकार के पुतले भी जलाये है। कई जगह किसानों ने रास्ते भी जाम किए हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि एवं कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा खाद की कमी न होने की रट लगाए हुए हैं। मंत्री जी, शायद खाद की कमी से इसलिए नकार रहे हैं कि सरकार के चहेते व्यापारियों के गोदामों में खाद की कमी नहीं है। ऐसे सरकारी व्यापारी कालाबाजारी में किसानों को एक बैग 2000 में बेच रहे है। किसान संगठनों ने कई जगह जाकर कई खाद्य विक्रेताओं के गोदामों में मुख्यमंत्री उडऩदस्ता को खाद की कालाबाजारी करते हुए पकड़वाया है।
उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री कालाबाजारी को खत्म करके किसानों को जरूरत अनुसार सीधे खाद उपलब्ध करवायें। उन्होंने कहा कि यदि खाद नहीं मिली तो फसलें खराब हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसान खेतों में जल भराव की समस्या से परेशान है। बरसात की अधिकता से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। सरकार को जल भराव से बर्बाद हुई फसल का गिरदावरी करवाकर के उचित मुआवजा देना चाहिए।