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कृषि मंत्री का दावा; हरियाणा में किसानों ने नहीं जलाई पराली, देश में पहले नंबर पर आया प्रदेश

बोले- पराली प्रबंधन के लिए दी गई 200 करोड़ की सब्सिडी से मिला फायदा, कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतें सुनी कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने दावा किया कि इस बार प्रदेश के किसानों ने पराली नहीं...

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चरखी दादरी के लघु सचिवालय में कष्ट निवारण समिति की बैठक में सुनवाई करते मंत्री श्याम सिंह राणा। -हप्र
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बोले- पराली प्रबंधन के लिए दी गई 200 करोड़ की सब्सिडी से मिला फायदा, कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतें सुनी

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने दावा किया कि इस बार प्रदेश के किसानों ने पराली नहीं जलाई, जिसके चलते हरियाणा देशभर में पराली प्रबंधन के मामले में पहले स्थान पर आया है। मंत्री ने बताया कि इस बार केवल 50 से 60 ही पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। यह उपलब्धि किसानों को दी गई 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी और जागरूकता अभियानों का परिणाम है। कृषि मंत्री सोमवार को दादरी स्थित लघु सचिवालय में आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में 16 शिकायतें आईं, जिनमें से 8 का मौके पर ही निपटारा किया गया, जबकि बाकी को अगली बैठक तक के लिए लंबित रखा गया। मंत्री ने अधिकारियों को सभी शिकायतों का समयबद्ध समाधान करने के निर्देश दिए। मीडिया से बातचीत में राणा ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों का लाभ सीधे किसानों तक पहुंच रहा है।

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पराली प्रबंधन अब किसानों के लिए एक लाभदायक उद्योग बन चुका है, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो रही है। उन्होंने कहा कि कम रेट पर बिक रही बाजरे की भरपाई के लिए भावांतर योजना लागू की गई है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि फसल खरीद के दौरान किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। अवैध खनन की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

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