सहमति के बाद विवि प्रशासन का यू टर्न, छात्राओं को हॉस्टल छोड़ने का आदेश
कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 26 जून
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के धरने के 16वें दिन बनी सहमति के बाद प्रशासन ने यू-टर्न ले लिया है। आरोप है कि विवि प्रशासन ने छात्राओं के हॉस्टल से पानी व खाना बंद कर दिया है व हॉस्टल छोड़ने के आदेश दिये गये हैं। वहीं दोबारा परीक्षाएं करवाने की बात पर बनी सहमति के बावजूद एमएससी की छात्राओं को विवि के पोर्टल पर फेल भी दर्शाना शुरू कर दिया जबकि अमूमन परीक्षा परिणाम चार-पांच माह बाद जारी किया जाता है।
आंदोलनरत छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि सहमत मांगों पर लिखित आदेश मिलने के बाद ही धरना उठाया जाएगा। वहीं, धरने के 18वें दिन शुक्रवार को विवि के चारों गेट पर धरना देकर विवि का कामकाज ठप रखने का फैसला भी टाल दिया गया है और सरकार व प्रशासन को 1 जुलाई तक का समय दिया है कि तब तक उनको लिखित आश्वासन दे दिया जाए अन्यथा 2 जुलाई को विश्वविद्यालय को बंद किया जाएगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए छात्राओं ने बताया कि उनके हॉस्टल में पिछले दो-तीन दिन से पानी की आपूर्ति ठप की हुई है। बृहस्पतिवार सुबह हॉस्टल वॉर्डन ने कहा कि आप लोगों का सेमेस्टर खत्म हो चुका है, इसलिए अब हॉस्टल खाली कर दो। लंच के समय कहा गया कि अब हॉस्टल की मैस भी बंद कर दी जाएगी और खाना भी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब धरने पर ही तीन समय के खाने की व्यवस्था की जाएगी और जब तक उनको सहमत मांगों पर लिखित समर्थन नहीं मिलता, वे धरने पर बैठी रहेंगी।
राजनीतिक दल व सरकार विरोधी संगठन एक्टिव : प्रशासन
जिला प्रशासन ने अज्ञात अधिकारी की तरफ से प्रेस बयान जारी किया है कि छात्रों को यह बता दिया गया था कि जो मांगें संविधान और कानून के अनुसार हल होनी हैं, उन्हें उसी अनुसार हल किया जाएगा। इसी के उपरांत छात्रों ने अपनी सहमति देते हुए स्थानीय लोक निर्माण विश्रामगृह में पत्रकार वार्ता की और यह कहा कि वह अपना धरना जल्द ही उठा देंगे। इसके बाद छात्र प्रतिनिधिमंडल धरने पर लौट गया लेकिन वहां पर फिर वही लोग एक्टिव हो गए जो राजनीतिक दलों और अन्य सरकार विरोधी संगठनों से जुड़े थे। उन्होंने फिर से छात्रों को बरगला दिया और धरने को समाप्त नहीं होने दिया। इससे यह बात अब साबित हो गई है कि आंदोलन अब छात्रों के हाथ में नहीं है। यह बाहरी तत्वों के हाथों में है जो विश्वविद्यालय के माहौल को खराब करना चाहते हैं। सरकार और प्रशासन पूरी तरह से छात्रों की मांगों को लेकर संवेदनशील है।
प्रेस कान्फ्रेंस के दो घंटे बाद मिलना था लिखित आश्वासन
छात्रों ने बताया कि बुधवार को जब शिक्षा मंत्री के माध्यम से एसडीएम ज्योति मित्तल और एक हरिओम पंडित ने उनको कहा कि कुलपति को छह माह की लंबी छुट्टी पर भेजने सहित सभी मांगें मान ली गई है। साथ ही शर्त रखी कि वे इस बारे में प्रेस कान्फ्रेंस करें और उसके दो घंटे बाद लिखित आश्वासन मिल जाएगा और दो मंत्री भी इस बारे में प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे। इसके बाद काफी घंटे बीत गए लेकिन लिखित आश्वासन नहीं दिया गया। सिर्फ छात्र कल्याण निदेशक प्रोफेसर मदन खीचड़ का कार्यभार कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता को देने के आदेश जारी किए गए। कुलपति को छुट्टी पर भेजने सहित अन्य मांगों के बारे कोई आदेश जारी नहीं किया गया।
बुधवार को प्रेस नोट रद्द, बृहस्पतिवार को फिर से जारी
जब छात्रों ने शिक्षा मंत्री के आश्वासन पर मांगों पर सहमति होने के बारे में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत की, उससे पहले हकृवि प्रशासन ने विवि कुलपति बीआर काम्बोज की तरफ से प्रेस नोट जारी किया था कि 28 जून को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षाएं होगी। इसके कुछ ही देर बाद इस प्रेस नोट को रद्द करने के लिए कहा गया। अब बृहस्पतिवार को वही प्रेस नोट विवि प्रशासन ने विवि कुलपति बीआर काम्बोज की तरफ से जारी कर दिया है, जिसका सीधा अर्थ है कि विवि कुलपति को अभी तक छुट्टी पर नहीं भेजा गया है।लना था लिखित आश्वासन