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व्यापारी का माल जब्त करने में एईटीओ को ठहराया दोषी

एडीसी ने डीसी को भेजी जांच रिपोर्ट, टीम अन्ना ने उठाया था मामला
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जींद में पोल्ट्री व्यवसायी इंद्रजीत लूथरा के लूथरा फीड्स के मामले की एडीसी द्वारा करवाई गई जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। टीम अन्ना जींद की शिकायत पर एडीसी की 50 दिन तक चली जांच में जींद के सहायक आबकारी एवं कराधान अधिकारी राजेश गुप्ता को दोषी ठहराया गया है। टीम अन्ना जींद को एडीसी की 18 अगस्त 2025 की जांच रिपोर्ट की प्रति बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुई। इस जांच रिपोर्ट को एडीसी ने आगामी कार्रवाई के लिए डीसी को भेज दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एईटीओ राजेश शर्मा ने न केवल अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया, बल्कि अपने पद का दुरुपयोग कर व्यापारी के साथ गंभीर अन्याय किया। संबंधित अधिकारी ने किसी भी स्तर पर जब्ती माल का सरकारी रिकॉर्ड तैयार नहीं किया। बार-बार अनुरोध के बावजूद अधिकारी ने माल का वजन करवाकर देने से इनकार किया। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि जिस अधिकारी ने माल जब्त किया, वह ऐसा करने में सक्षम ही नहीं था। जब्त किए गए माल का सरकारी रिकॉर्ड तैयार नहीं किया। सरकारी गोदाम की बजाय माल को निजी गोदाम में रखवाया गया। व्यापारी के माल को वापस किया गया तो उसका वजन भी 11 क्विंटल कम मिला।यह था पूरा मामला

पूरा मामला 9 जून 2025 की घटना से जुड़ा है। उस दिन एईटीओ राजेश गुप्ता बिना किसी वैध अधिकार के लूथरा फीड्स परिसर में गए और एक ट्रक सहित माल को जब्त कर लिया। मौके पर मौजूद इंद्रजीत लूथरा के बेटे जीवेश लूथरा व स्टाफ को सरकारी काम में बाधा डालने के गैर जमानती केस की धमकी दी गई। इस मामले को उठाने वाली टीम अन्ना के हितेश हिंदुस्तानी ने कहा कि यह केवल एक व्यापारी का मामला नहीं है, बल्कि जींद के मेहनतकश उद्यमियों और जिले की आर्थिक गरिमा के आत्मसम्मान की लड़ाई है। एडीसी की जांच रिपोर्ट ने सभी आरोपों को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए वहीं गायब हुए 11 टन माल का पूरा मुआवजा व्यापारी को दिलाया जाए।

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