एडीजीपी आत्महत्या मामला न्याय, समानता और गरिमा का प्रश्न : अनिरुद्ध चौधरी
कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष ने उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या पर कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और असंवेदनशीलता का भयावह दर्पण है।
उन्होंने कहा कि यह घटना तंत्र में बैठे अन्याय और भेदभाव की जड़ों को उजागर करती है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक और मानवीय मूल्यों पर गंभीर प्रहार करार दिया। उन्होंने बताया कि देशभर में अनुसूचित जाति और वंचित वर्गों के खिलाफ बढ़ती घटनाएं, जैसे हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सुप्रीम कोर्ट में अपमानजनक घटनाक्रम और एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या सामाजिक और प्रशासनिक असमानता की खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाती हैं।
अनिरुद्ध चौधरी ने मांग की कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए, नामजद अधिकारियों को जांच पूर्ण होने तक निलंबित किया जाए और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट सात दिनों में सार्वजनिक की जाए। कांग्रेस स्व. वाई. पूरन कुमार के परिवार के साथ खड़ी है और न्याय दिलाने तक संघर्ष जारी रखेगी।