एमटीपी विशेषज्ञ दर्शाने पर हुई कार्रवाई, डीसी ने दिए थे निर्देश
बिना पंजीकरण के एक चिकित्सक द्वारा अपने आप को एमटीपी विशेषज्ञ दर्शाना उसके अस्पताल पर भारी पड गया है। उपायुक्त मुनीश शर्मा के निर्देश पर जांच के बाद अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
बता दें कि कुछ दिन पहले समाचार पत्रों के माध्यम से एक पोस्टर प्रसारित किया गया था, जिसमें दादरी शहर के उपकार अस्पताल के डॉ. सुशील डागर द्वारा अपने आप को एमटीपी विशेषज्ञ दर्शाया गया था। साथ ही प्रधानमंत्री गर्भवती महिला सुरक्षा अभियान को लेकर भी लिखा गया था। जबकि ऐसा कोई अभियान नहीं है। उपायुक्त ने इस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर सिविल सर्जन कार्यालय के एमटीपी नोडल अधिकारी डॉ. उदयभान शर्मा ने अस्पताल की जांच की तो सामने आया कि उपकार अस्पताल के बोर्ड पर सरकार द्वारा स्वीकृत एमटीपी सेंटर दर्शाया गया है और अस्पताल की ओपीडी कार्ड पर सरकार द्वारा स्वीकृत एमटीपी स्पेशलिस्ट दर्शाया गया है। जबकि यह अस्पताल सिविल सर्जन कार्यालय में एमटीपी स्पेशलिस्ट के तौर पर पंजीकृत नहीं है। जोकि एमटीपी एक्ट 1971 और उपभोक्ता संरक्षण एक्ट 2019 की उल्लंघना है। जांच के बाद एमटीपी नोडल अधिकारी की ओर से थाना शहर में विभिन्न धाराओं के तहत अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।