नहरों की स्वच्छता व आस्था का संगम : ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन ने जींद धाम भेजीं देवी-देवताओं की मूर्तियां
मिशन के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर सिंह ने बताया कि संगठन के सदस्य प्रतिदिन नहरों के पुलों पर ड्यूटी देकर श्रद्धालुओं को निर्माल्य सामग्री, मूर्तियां या धार्मिक वस्तुएं नहरों में प्रवाहित करने से रोकते हैं। मिशन ऐसी सामग्री को एकत्र कर सुरक्षित स्थान पर रखता है और बाद में उसे जींद धाम भेज देता है।
डॉ. सिंह ने बताया कि धाम में सेवक विधिवत पूजा-अर्चना और शुद्धिकरण के बाद इन मूर्तियों व तस्वीरों को चूर्ण बनाकर ईंटों में परिवर्तित करते हैं। इन ईंटों का उपयोग देशभर में बनने वाले नए मंदिरों की नींव में किया जाता है, जिससे ‘आस्था का आस्था से मिलन’ संभव होता है और साथ ही जल प्रदूषण से भी बचाव रहता है।
मिशन के महासचिव मुकेश नानकवाल ने कहा कि आज भेजी गई सामग्री में अधिकांश बड़ी प्रतिमाएं और तस्वीरें थीं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपनी धार्मिक वस्तुएं नहरों में न डालें, बल्कि दिल्ली बाईपास के समीप बनाए गए निर्धारित स्थल पर रखें। मिशन के वरिष्ठ सदस्य व धावक रणवीर सिंह मलिक ने बताया कि टीम प्रत्येक कार्य श्रद्धा और मर्यादा के साथ करती है।
इस सेवा कार्य में डॉ. जसमेर सिंह, अजय हुड्डा, डॉ. रविंद्र नांदल, ईश्वर सिंह दलाल, रणवीर सिंह मलिक, अशोक मलिक, डॉ. संतलाल बुधवार, करण सिंह, जतिन मलिक, बबीता पन्नू, डॉ. किरण, सिद्धांत पन्नू, देवेंद्र हुड्डा, गौरव मलिक, पवन कुमार, पंडित मोनू, पवन, साहिल और अंकुश सहित अनेक स्वयंसेवियों ने सहयोग दिया।
