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एचएयू के 6 छात्रों ने शुरू किया आमरण अनशन

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हकृवि) में कुलपति की मौजूदगी में छात्रों के सिर पर लाठियों से हमला करने की घटना के बाद चले आंदोलन के बाद विद्यार्थियों को दिए गए आश्वासन पूरे न करने के विरोध में छात्रों...
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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हकृवि) में कुलपति की मौजूदगी में छात्रों के सिर पर लाठियों से हमला करने की घटना के बाद चले आंदोलन के बाद विद्यार्थियों को दिए गए आश्वासन पूरे न करने के विरोध में छात्रों ने बुधवार को विवि के गेट नंबर चार के पास धरना दिया। बाद में सर्वसम्मति से फैसला लिया और 6 छात्र आमरण अनशन पर बैठ गए। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी। अनशन पर बैठने वाले छात्रों में दीपांशु, आशु ठाकुर, मोहित, राहुल, योगेश और अजय कालीरामणा शामिल हैं। इन छात्रों ने घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक अनशन जारी रहेगा। छात्रों के समर्थन में किसानों, मजदूर संगठनों और अन्य सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधियों ने भी आज से अनशन शुरू किया है। छात्रों ने स्पष्ट किया है कि उनकी मांगें पहले जैसी ही हैं। धरना-प्रदर्शन के दौरान दर्ज की गई एफआईआर को तुरंत वापस लिया जाए। सीएसओ, रजिस्ट्रार और कुलपति के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच एक स्वतंत्र और उच्च स्तरीय समिति से करवाई जाए, जिसमें छात्रों द्वारा प्रस्तावित सेवानिवृत्त प्रोफेसर भी शामिल हों। इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन यह लिखित आश्वासन दे कि प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होगी और अकादमिक काउंसिल में छात्रों द्वारा प्रस्तावित दो छात्र प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।

अनिल मान ने छात्रों के समर्थन में दिया धरना

छात्रों के धरने को नलवा से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अनिल मान ने अपने समर्थकों के साथ समर्थन दिया और कहा कि कुलपति और नलवा के विधायक रणधीर पनिहार ने मिलकर छात्रों के साथ खुला धोखा किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब छात्रों के साथ आठ मांगों को लेकर समझौता हो गया था तो सरकार ने वादाखिलाफी क्यों की। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह तत्काल समझौते की शर्तों को लागू करे और छात्रों को उनका अधिकार व राहत प्रदान करे। यदि सरकार वादाखिलाफी करती है, तो छात्रों के हक की लड़ाई को और मजबूती से आगे बढ़ाया जाएगा और विरोध तेज किया जाएगा।

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