कनीनी में तीसरे दिन हुई 59 एमएम बारिश, कपास-बाजरे की फसल जलमग्न
क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री और अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस पंहुच गया है। किसानों की मानें तो सप्ताहभर पूर्व सिंचाई के अभाव में फसल मुरझाने लगी थी लेकिन अब अत्यधिक बारिश से बारिश का पानी फसलों में जमा हो गया है। कनीना के उपमंडल कृषि अधिकारी डाॅ. अजय यादव ने बताया कि कनीना ब्लाक में करीब 33 हजार हेक्टेयर भूमि में करीब 20484 हेक्टेयर में बाजरा, 8114 में कपास, 674 में हरा चारा, 116 में ग्वार सहित अरहर, तिल आदि की खेती की गई है।
उन्होंने कहा कि सप्ताहभर बारिश का अनुमान है किसान फसल में सिंचाई न करें। दूसरी ओर, महेंद्रगढ-कनीना-कोसली स्टेट हाइवे 24 पर उन्हाणी के समीप रामपुरी रजवाहे के लीकेज साइफन के स्थान पर पानी जमा होने एवं क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग से हालात और अधिक खराब होते जा रहे हैं। अटेली मोड, बस स्टैंड, गाहडा रोड सहित विभिन्न निचले स्थानों की हालत भी दयनीय बनती जा रही है।
कनीना में लोक निर्माण विभाग की ओर से बीते वर्ष सड़क के दोनों ओर बनाए गए नाले तक दुकानदारों द्वारा मिट्टी डाले जाने से सड़क पर जलभराव हो गया है।
पंपसेट लगाकर निकाला जा रहा पानी : डाॅ. रिंपी
नगरपालिका कनीना की चेयरपर्सन डाॅ. रिंपी लोढा ने कहा कि उनकी ओर से मानसून से पूर्व नालों के साथ-साथ जोहड़ों की सफाई करवाई गई थी। फिर भी निचले स्थानों पर जमा पानी को पंपसेट लगाकर निकाला जा रहा है। हालांकि नपा की टीम जलभराव वाले स्थानों पर नजर रख रही है।