38 साल बाद भी न्याय की बाट जोह रहे 1987 के दंगा पीड़ित
हिसार, 8 जुलाई (हप्र)
गुरुद्वारा श्री सिंह सभा, नागोरी गेट, हिसार के पूर्व अध्यक्ष एवं हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के पूर्व सदस्य डाबड़ा चौक निवासी सरदार सुखसागर ने कहा कि 1987 के दंगों को 38 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन इसके पीड़ित सिख समाज के लोग आज भी न्याय की बाट जोह रहे हैं। दंगों के आरोपियों को शासन-प्रशासन द्वारा मामूली मारपीट व झगड़े दिखाकर बरी कर दिया गया और केस को बंद कर दिया गया, जबकि इसमें जान-माल का नुकसान हुआ था।
सरदार सुखसागर ने बताया कि इसके विारेध में हमले 8 जुलाई को हमने काला दिवस मनाने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भारत सरकार के समक्ष वर्ष 1987 में हुए दंगों के दौरान हिसार, फतेहाबाद व अन्य जिलों में सिख समुदाय पर हुई आगजनी, हत्या व लूटपाट की घटनाओं के लिए अक्तूबर 2023 में पुनर्विचार याचिका लगाई थी। इस पर आयोग के अनुसंधान अधिकारी नजीब अहमद ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को कार्यवाही कर आयोग के चेयरमैन को रिपोर्ट पेश करने के लिए लिखा, लेकिन एडिशनल चीफ सेक्रेट्री हरियाणा द्वारा केवल उसमें हिसार से संंबंधित दंगों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जबकि दंगे पूरे हरियाणा में हुए थे। इस याचिका पर सुखसागर के एेतराज के बाद अल्पसंख्यक आयोग ने हरियाणा सरकार को फिर से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं लेकिन 8 माह बीत जाने के बाद पर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। सरदार सुखसागर सिंह ने बताया कि इस संबध में वे पुन: मामले में कार्यवाही को आगे को बढ़़ाने के लिए अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि उस समय के तत्कालीन जिला उपायुक्त ने दंगों पीड़ितों के लिए एक मीटिंग रखी गई, जिसकी कोई पूर्व सूचना पीड़ितों को नहीं दी गई।