बड़ी के सीईटीपी पर 3.72 करोड़ का जुर्माना, प्रदूषण फैलाने पर एनजीटी हुआ सख्त
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एचएसआईआईडीसी, बड़ी की प्रदूषण स्थिति पर विस्तृत कार्ययोजना और प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। रिपोर्ट में 16 एमएलडी सीईटीपी पर 2.52 करोड़ रुपये का मुआवजा लगाया गया है, जबकि 16 व 10 एमएलडी सीईटीपी पर अतिरिक्त 1.20 करोड़ रुपये का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
एनजीटी ने राज्य सरकार को समयबद्ध कार्रवाई योजना और जल अधिनियम के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट में बड़ी औद्योगिक क्षेत्र की कई गंभीर पर्यावरणीय खामियों को उजागर किया गया है। ज्वाइंट कमेटी ने एचएसआईआईडीसी द्वारा बारिश के पानी और औद्योगिक अपशिष्ट को एक साथ मिलाने वाली दोहरी पाइपलाइन व्यवस्था पर भी आपत्ति जताई है, जिससे प्रदूषण का जोखिम बढ़ता है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
-253 में से 136 इकाइयां अपशिष्ट जल उत्पन्न करती हैं, जिनमें से 113 में पीईटीपी दुरुस्त नहीं पाए गए।
-कई इकाइयों में बिना शोधन का पानी स्टॉर्म-वॉटर सिस्टम में छोड़ा जा रहा है।
-कई इकाइयों के पास भूजल दोहन की वैध अनुमति नहीं।
-फ्लो मीटर नहीं, पीईटीपी स्लज का अनुचित निस्तारण और सीईटीपी का अंडर-यूटिलाइजेशन सामने आया।
-16 एमएलडी प्लांट बिना कंसेंट टू ऑपरेट संचालित हो रहा था।