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हिसार में हर माह हुए 21 अंतरजातीय विवाह, 15 का उत्पीड़न

कैबिनेट मंत्री बेदी ने सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में ली विभिन्न योजनाओं की जानकारी
हिसार में बैठक की अध्यक्षता करते कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी। -हप्र
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हिसार, 16 मई (हप्र)

हिसार में हर माह 21 जोड़े अंतरजातीय प्रेम विवाह कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ हर माह 15 अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के खिलाफ जाति संबंधित अत्याचारा हो रहा है। यह खुलासा शुक्रवार को हिसार में कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा विभिन्न योजनाओं के रखे हुए आंकड़ों से हुआ। बैठक में हांसी विधायक विनोद भयाणा, नलवा विधायक रणधीर पनिहार, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, भाजपा हिसार जिलाध्यक्ष आशा खेदड़, हांसी जिलाध्यक्ष अशोक सैनी आदि उपस्थित भी रहे। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने की मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय शगुन योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 254 नवविवाहित जोड़ों को 6 करोड़ 35 लाख रुपये की सहायता दी गई है। इस योजना के तहत विवाह करने वाले जोड़े को ढाई लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इस योजना के लिए वही पात्र हैं जब अंतरजातीय विवाह करने वालों में पति या पत्नी अनुसूचित जाति से संबंधित हो। अधिकारियों ने बताया कि एक फरवरी से 30 अप्रैल तक 46 पीडि़तों को एससी/एसटी एक्ट के तहत आर्थिक सहायता दी गई है। यह राशि उन्हीं को दी जाती है जिन्होंने एससीएसटी एक्ट के तहत पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई हो। बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को यह भी जानकारी दी कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को भूमि बेदखली या सेवाओं में आरक्षण जैसे मामलों में कोर्ट में पैरवी हेतु 22 हजार रुपये की सहायता मिलती है। पिछले तीन वर्षों में इस योजना के तहत कोई लाभार्थी नहीं आया। उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।

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लंबित व अनट्रेस मामलों के निपटारे के लिए विशेष टीम गठित करने के निर्देश

कैबिनेट मंत्री ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि एससी/एसटी एक्ट के तहत लंबित व अनट्रेस मामलों के शीघ्र निपटारे हेतु विशेष टीम का गठन किया जाए। कैबिनेट मंत्री ने निर्देश दिए कि किसी नशा मुक्ति केंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में विकसित किया जाए तथा जिला स्तरीय समिति की बैठक प्रत्येक तिमाही में अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए।

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