बारिश से 3 गांवों की 20 हजार बीघा जमीन डूबी, फसलें बर्बाद
पिछले दिनों हुई जोरदार बारिश के बाद महम क्षेत्र के कई गांवों के किसान गंभीर संकट में हैं। सैमाण, भैणी चंद्रपाल और भैणी सूरजन गांवों की 20 हजार बीघा खेती योग्य भूमि बीते दो हफ्तों से जलमग्न है। खेतों में अब भी 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है। कपास, बाजरा, ज्वार और धान जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। खेतों में खड़ा पानी किसानों के सपनों और मेहनत पर कहर बनकर टूटा है। उन्हें न केवल मौजूदा फसल का नुकसान हुआ है, बल्कि आने वाले रबी सीजन की बुआई की संभावनाएं भी धुंधली हो गई हैं। सैमाण गांव के पूर्व ब्लॉक समिति सदस्य किताब सिंह, हरिओम और महंत सतीश दास ने बताया कि प्रशासन ने जुई फीडर नहर पर कुछ पंप लगाए हैं, लेकिन बिजली कनेक्शन की कमी और धीमी निकासी से हालात में कोई खास सुधार नहीं हो पाया। खेतों में खड़ा पानी इंजन, ट्यूबवेल, सोलर प्लेट और अन्य उपकरणों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक गांवों के चारों ओर पानी भरा है, रास्ते बंद हो चुके हैं और पशुचारे की भी किल्लत हो गई है। भैणी चंद्रपाल के किसानों ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यहां कोई पंपसेट नहीं लगाया गया और सरपंचों के आपसी विवाद के कारण निकासी का काम शुरू ही नहीं हो सका।
महम के एसडीएम मुकुंद तंवर ने कहा कि सैमाण व भैणी सूरजन में मोटर पंप लगाए गए हैं, लेकिन कई जगह बिजली कनेक्शन न होने से समस्या बनी हुई है।