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1984 के दंगा पीड़ितों को नौकरी नहीं, दोषियों को सजा मिले : सुखसागर

हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के पूर्व सदस्य सुखसागर सिंह ने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए 121 पीड़ितों के परिवारों को नौकरी देना सरकार का कदम स्वागत योग्य जरूर है, लेकिन इसे न्याय नहीं कहा...
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सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन से मिलते सुखसागर सिंह व गुरपिंद्र सिंह। -हप्र
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हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के पूर्व सदस्य सुखसागर सिंह ने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए 121 पीड़ितों के परिवारों को नौकरी देना सरकार का कदम स्वागत योग्य जरूर है, लेकिन इसे न्याय नहीं कहा जा सकता। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक दोषियों के नाम उजागर कर उन्हें सजा नहीं दी जाती और संपत्तियों के नुकसान की भरपाई नहीं होती, तब तक सिख समुदाय को सच्चा न्याय नहीं मिलेगा। सुखसागर सिंह ने बताया कि दंगों में हरियाणा में 121 लोग मारे गए थे, 20 गुरुद्वारे, 221 मकान, 154 दुकानें, 57 फैक्टरियां, 3 रेल डिब्बे और 85 वाहन जला दिए गए थे। उन्होंने कहा कि 41 साल बाद भी केवल आंशिक राहत दी जा रही है, जो असली जांच और दोषियों को बचाने की कोशिश है। उन्होंने बताया कि उनके पुत्र गुरपिंद्र सिंह ने 2 वर्ष पहले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में याचिका दाखिल कर 1984 व 1987 दोनों दंगों को सिख दंगे घोषित करने और पीड़ितों को मुआवजा व नौकरी देने की मांग की थी। आयोग ने इसे स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार से आंकड़े मांगे थे। उन्होंने मांग की कि 1987 के दंगा पीड़ितों को भी इस राहत में शामिल किया जाए और दोषियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें सख्त सजा दी जाए।

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