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रिमझिम बारिश में लेखकों ने जमाए रंग

पंजाबी लेखकों के लिए पंजाबी साहित्य सभा श्री भैणी साहिब की बैठक एक विशेष आकर्षण का केंद्र होती है। इसकी मासिक बैठक में जिले के विभिन्न हिस्सों से साहित्यिक जज़्बे से लबरेज़ लेखक बड़े उत्साह के साथ पहुंचेह। यह विचार...
पंजाबी साहित्य सभा श्री भैणी साहिब की मासिक बैठक में उपस्थित लेखक।
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पंजाबी लेखकों के लिए पंजाबी साहित्य सभा श्री भैणी साहिब की बैठक एक विशेष आकर्षण का केंद्र होती है। इसकी मासिक बैठक में जिले के विभिन्न हिस्सों से साहित्यिक जज़्बे से लबरेज़ लेखक बड़े उत्साह के साथ पहुंचेह। यह विचार आज पंजाबी साहित्य सभा के प्रधान गुरसेवक सिंह ढिल्लों ने बैठक के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह साहित्य सभा लेखकों की प्रयोगशाला है, जहां नए और वरिष्ठ लेखक मिलकर अपनी रचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। रिमझिम बरसते बारिश के खुशनुमा मौसम में हुई आज की लेखक-मिलनी के बारे में जानकारी देते हुए गुरसेवक सिंह ढिल्लों ने बताया कि शुरुआत में उस्ताद हरभजन सिंह, प्रसिद्ध कॉमेडियन जसविंदर सिंह भल्ला, ग़ज़लगो श्री राम अर्श, कमलजीत सिंह नीलों के भाई रामपाल सिंह नीलों और शरणजीत कौर के निधन पर सभा की ओर से शोक प्रस्ताव पारित किया गया।

मौजूद शायरों में जग्गा जमालपुरी, गोपी जमालपुरी, परमजीत सिंह मुंडियां, बलवंत विरक, लखबीर सिंह लभा, जगतार सिंह राईयां और जगवीर सिंह विक्की आदि ने गीत प्रस्तुत किए। हरप्रीत सिंह, राजिंदर कौर, मनजीत सिंह रागी, नेतर सिंह नेतर, गुरबाग सिंह राईयां ने कविताएं सुनाईं। इसी तरह हरबंस सिंह राय ने ग़ज़ल, गुरसेवक सिंह ढिल्लों ने ‘कलम की धार’ कोरड़ा छंद और तरन सिंह बल्ल ने कहानी जैसी रचनाएं प्रस्तुत कीं।

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