गांव को दिया गया सम्मान वापस लौटाएंगे
नाभा के गांव कलसना में हुई आम बैठक में गांव निवासियों और पूरे गांव ने मिलकर केंद्र सरकार द्वारा गांव को दिए गए सम्मान को वापस लौटाने का फैसला लिया है।
गांव के सरपंच गुरध्यान सिंह ने कहा कि अपमान से दिया गया सम्मान पूरे गांव के समुदाय को स्वीकार नहीं है। इस विवाद के बारे में कोई भी फैसला वे गांव के रूप में लेंगे क्योंकि अब केंद्र सरकार ने हमारे साथ जो किया है, उसका जवाब वह अकेले नहीं बल्कि पूरा गांव देगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पेयजल स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव की नुहार बदलने के लिए विशेष सम्मान के लिए गांव के सरपंच को 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले में पहुंचने के लिए विशेष निमंत्रण दिया था। पंजाब राज्य के सभी गांवों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस सम्मान के लिए केवल छह गांवों का चयन किया गया था। जब गांव के सरपंच गुरध्यान सिंह, जो एक अमृतधारी सिख हैं, श्री साहिब को धारण करने के बाद लाल किले में गए, तो उन्हें सुरक्षा कारणों से इस कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं
दी गई।
सरपंच ने बताया कि तत्कालीन एएसपी शशिकांत गौड़ ने उनसे शर्त रखी थी कि वह अपने श्री साहिब को उतार कर टेंट में बने स्थान पर रख दें और कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह आकर उसे वापस ले जा सकते हैं।
उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया और गांव लौट गए। मौजूदा सरकार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने इस घटना के संबंध में न तो गांव के सरपंच को कोई फोन किया और न ही गांव के किसी संगठन के नेता ने आकर उनसे संपर्क किया। जिसके विरोध में गांववासियों ने आम बैठक की । बैठक में मांग की कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इस मामले को गंभीरता से लें और मांग करें कि केंद्र सरकार गांव कलसना में आकर इस मामले के लिए माफी मांगे।