चंडीगढ़, 28 मार्च (ट्रिन्यू)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा चंडीगढ़ में केंद्र के सर्विस रूल लागू किए जाने के ऐलान के बाद पंजाब की राजनीति गरमा गई है। पंजाब में सभी सियासी दल आज दिनभर भाजपा की घेराबंदी में लगे रहे। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इस मुद्दे पर खुलकर केंद्र के विरोध में आ गए हैं। मान ने ट्वीट करके कहा, ‘यह पंजाब पुनर्गठन एक्ट का उल्लंघन है। चंडीगढ़ पर जायज हक के लिए मजबूती से लड़ेंगे। केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर पंजाब का हक खत्म करने के लिए एक-एक कदम आगे बढ़ा रही है। आप सरकार इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।’
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार इस फैसले पर दोबारा विचार करे। पंजाब सरकार कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रही है, आप सरकार कर्मचारी विरोधी नहीं है, लेकिन पंजाब के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पंजाब कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले ही आशंका जताई थी कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार समाप्त करना चाहती है। पहले बीबीएमबी में नियम बदले गए, अब यह कार्रवाई करके पंजाब के हितों के साथ कुठाराघात किया गया है। खैहरा ने कहा कि पंजाब सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए और संघर्ष शुरू किया जाए।
अकाली दल ने भी किया विरोध
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि एक रणनीति के तहत केंद्र सरकार ने पंजाब के हितों के खिलाफ यह फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल इस फैसले का विरोध करता है। इस संबंध में बैठक बुलाकर जल्द ही अगली रणनीति का ऐलान किया जाएगा।