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जब थानेदार ने दोषियों को छोड़ने के बदले हल्का विधायक को पढ़ाया कानून का पाठ

समराला, 4 फरवरी (निस) बसंत पंचमी के अवसर पर पतंगबाजी के दौरान जानलेवा चाइना डोर के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने अभियान चलाया। इसके तहत प्रशासन ने चाइना डोर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियां कीं, लेकिन अपने चहेतों...
वायरल वीडियो में चर्चित पुलिस अधिकारी।-निस
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समराला, 4 फरवरी (निस)

बसंत पंचमी के अवसर पर पतंगबाजी के दौरान जानलेवा चाइना डोर के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने अभियान चलाया। इसके तहत प्रशासन ने चाइना डोर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियां कीं, लेकिन अपने चहेतों को पुलिस से छुड़ाने के लिए कुछ राजनीतिक नेता सभी हदें पार कर देते हैं और लोगों की जान की परवाह किए बिना अपने वोट बैंक को प्राथमिकता देते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया जब एक हल्का विधायक ने एक थाना इंचार्ज को फोन पर धमकाने की कोशिश की, लेकिन थाना इंचार्ज ने कानून के दायरे में रहकर बिना किसी डर के सख्ती से जवाब दिया। इस बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

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वीडियो में विधायक थाना इंचार्ज से कहते हैं कि जिन लोगों को तुमने पकड़ा है, उन्हें घर भेज दो। लेकिन पुलिस अधिकारी सख्ती से जवाब देता है कि चाइना डोर की वजह से एक महिला का गला कट गया और उसका पति मोटरसाइकिल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। क्या उन्होंने आपको वोट नहीं दिया होगा? इस पर विधायक कहते हैं कि चाइना डोर तो पूरे शहर में बिक रही है। लेकिन पुलिस अधिकारी अपनी बात पर अडिग रहता है और साफ कहता है कि पकड़े गए लोग छोड़े नहीं जाएंगे। इस पर विधायक अधिकारी को धमकाते हुए कहते हैं कि ‘तेरा बिस्तर गोल कर देंगे, तेरी बदली पठानकोट कर देंगे।’ लेकिन पुलिस अधिकारी मजबूती से जवाब देते हुए है, ‘चाहे मुझे जम्मू या पाकिस्तान भेज दो, लेकिन मैं अपने उसूलों से समझौता नहीं करूंगा।’ बाद में पुलिस अधिकारी को फिर से विधायक का धमकी भरा फोन आता है, जिसमें वह दोबारा पकड़े गए लोगों को छोड़ने के लिए कहता है।

लेकिन इस बार भी पुलिस अधिकारी अपने रुख पर कायम रहता है। विधायक कहता है कि उसके पास कोई सरपंच बैठा था, जिससे उसका ब्लड प्रेशर बढ़ गया था, इसलिए अब लोगों को छोड़ दो। लेकिन पुलिस अधिकारी उल्टा विधायक से सवाल करता है कि जब आप विधायक बने, तो आपने संविधान की शपथ ली थी कि आप संविधान का पालन करेंगे। उसी तरह, मैंने वर्दी पहनते समय संविधान की शपथ ली थी कि मैं अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करूंगा।

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