जमीन अधिग्रहण नीति कभी कामयाब नहीं होने देंगे : सुखबीर
बाबा बकाला में वार्षिक रखड़ पुण्य मेले के अवसर पर पंजाब की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने मंच लगाए। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के मंचों से विवादित लैंड पूलिंग नीति को लेकर सरकार पर जमकर निशाने साधे गए। जब कि इस मेले में मुख्य मंत्री भगवंत मान गैरहाजिर रहे। उनकी जगह कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने भाषण दिया। विरोधी दलों ने इस मौके को शक्ति प्रदर्शन के रूप में इस्तेमाल किया और 2027 के चुनाव में एकजुट होने के संकेत देते हुए आम आदमी पार्टी को उनकी नीतियों के लिए घेरा। यह राजनीतिक गतिविधियां इसलिए भी अहम रहीं क्योंकि ये तरनतारन उपचुनाव से पहले हो रही हैं। आम आदमी पार्टी की कांफ्रेंस में कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने अपने भाषण में कहा कि जो विकास तीनों साल में हुआ वे पिछले 70 साल में भी नहीं हुआ। भ्रष्टाचार, नशा तस्करों पर निकेल कसी गई। बिना रिशवत के युवाओं को नौकरी दी गई।
वहीं शिरोमणि अकाली दल ने ने भी रखड़ पुण्य मेले के दौरान एक राजनीतिक सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, जत्थेदार गुलज़ार सिंह रणिके, हलका इंचार्ज बलजीत सिंह जलाल उस्मा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जोध सिंह समरा, सुच्चा सिंह लंगाह, भाई गुरदीप सिंह खेड़ा आदि ने संबोधित किया। बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के प्रति पुराने बुजुर्गों की भावना को वापस लाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब को बचाना है तो शिरोमणि अकाली दल की सरकार लाना बेहद ज़रूरी है। आम आदमी पार्टी की ज़मीन अधिग्रहण नीति पंजाब के लोगों के अधिकारों को छीनने के लिए इस्तेमाल की जा रही है, जिसे कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को गुरुद्वारा श्री अंब साहिब से हर रोज़ एक जत्था सरकार को घेरने के लिए रवाना होगा। कांग्रेस की रैली में प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा मंच पर साथ दिखे। दोनों नेताओं ने सरकार को लॉ एंड ऑर्डर और विवादित लैंड पूलिंग नीति को लेकर घेरा। इस मौके पर खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे की तरफ से भी शक्ति प्रदर्शन किया गया। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह और सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने राज्य सरकार पर उनके बेटे पर लगाए गए एनएसए को लेकर घेरा। इतना ही नहीं, उन्होंने सरकार की नीतियों को राज्य विरोधी बताया।