पानी की मार : पीएम मोदी कल करेंगे पंजाब-हिमाचल का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को बाढ़ प्रभावित पंजाब और हिमाचल का दौरा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों और पंजाब भाजपा ने रविवार को इसकी पुष्टि की है। प्रधानमंत्री मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के बाद दोनों राज्यों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगे। आधिकारिक कार्यक्रम रविवार सुबह तय किया गया और पंजाब सरकार के साथ साझा किया गया। पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी एक पोस्ट में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पुष्टि की। प्रधानमंत्री संभवतः पठानकोट पहुंचेंगे और पंजाब के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के प्रभावित इलाकों का भी हवाई सर्वेक्षण करेंगे। पठानकोट में उनके पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ बाढ़ समीक्षा बैठक करने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री पंजाब और जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाढ़ प्रभावित सीमा चौकियों और बाड़ों की भी समीक्षा करेंगे।
इधर, पंजाब में हाल ही में बंद किये गए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 9 सितंबर से फिर खुलेंगे। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि यदि कोई स्कूल या कॉलेज बाढ़ से प्रभावित होता है तो उसे बंद करने का निर्णय संबंधित डीसी द्वारा लिया जाएगा। सरकार ने बाढ़ के मद्देनजर 7 सितंबर तक शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए थे।
इधर, पंजाब में घग्गर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खनौरी हेडवर्क्स पर यह खतरे के निशान से तीन फुट ऊपर पहुंच गया है। ऐसे में धर्महेड़ी और आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नदी का जलस्तर 748 फीट से बढ़कर 751 फीट पहुंच गया। पोंग बांध पर थोड़ी राहत की खबर है। यहां का जलस्तर लगभग दो फुट घटकर 1392.20 रह गया है। हालांकि, यह अधिकतम क्षमता 1390 से दो फुट अधिक है। रविवार को भाखड़ा बांध का जलस्तर 1677.98 फुट रहा, जबकि शनिवार को यह 1678.14 फुट था।
सैंकड़ों पशु, हजारों पोल्ट्री पक्षी मरे
पंजाब में बाढ़ से सैंकड़ों पशु, पोल्ट्री पक्षी मारे गए। प्रदेश के मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि 14 जिलों में 504 मवेशियों, 73 भेड़-बकरियों और 160 सूअर की जान चली गई। गुरदासपुर, रूपनगर और फाजिल्का में पोल्ट्री शेड ढहने से 18304 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो गई। बाढ़ से लगभग 2.52 लाख पशु और 588685 पोल्ट्री पक्षी प्रभावित हुए हैं।
हिमाचल में अब तक 366 लोगों की मौत
शिमला (हप्र/एजेंसी) : हिमाचल प्रदेश में मानसून की भीषण मार से अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग लापता हैं। कुल आर्थिक नुकसान का अनुमान 4079 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है। प्रदेश में अब तक 135 बड़े भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज हुई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार बोली- जलविद्युत परियोजना ढाल हैं, विनाश नहीं
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की इस चेतावनी और के बाद कि अगर अनियंत्रित विकास बेरोकटोक जारी रहा तो पूरा राज्य ही खत्म हो सकता है, हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण का बचाव किया है और इन्हें जीवाश्म ईंधन आधारित ताप विद्युत परियोजनाओं का एक स्वच्छ विकल्प बताया है। शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में, हिमाचल सरकार ने कहा, 'जलविद्युत परियोजनाओं को राज्य में विनाश का प्राथमिक कारण नहीं माना जा सकता है। ऐसी परियोजनाओं का निर्माण पर्यावरणीय प्रभाव आकलन के साथ-साथ सामाजिक प्रभाव आकलन के माध्यम से विस्तृत भौगोलिक, पारिस्थितिक और पर्यावरणीय अध्ययनों के बाद ही किया जाता है।'