पंजाब से नशा खत्म होने तक जारी रहेगा युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान : डीजीपी
डीजीपी ने कहा कि इस सुविधा को अत्याधुनिक फोरेंसिक उपकरणों, डेटा विश्लेषण प्रणालियों, फोरेंसिक डेटा निष्कर्षण और डिक्रिप्शन क्षमताओं और क्रिप्टोकरेंसी जांच उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने 'युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान को एक बड़ी सफलता करार दिया और कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक राज्य से नशे का संकट खत्म नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि जहां हम तस्करों पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं, वहीं पीड़ितों के पुनर्वास और युवाओं को इस जाल में फंसने से रोकने पर भी हमारा पूरा ध्यान है। उन्होंने कहा कि किसी भी थाने या पुलिस अधिकारी को किसी भी तरह का लक्ष्य नहीं दिया गया है।
एएनटीएफ को इस नशा विरोधी अभियान का केंद्र बताते हुए डीजीपी ने कहा कि जिलों में प्रवर्तन गतिविधियों के समन्वय और निगरानी के अलावा यह इकाई अन्य विभागों के साथ समन्वय में नशा मुक्ति रणनीतियों को लागू करने में सहायक रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने तकनीकी आधुनिकीकरण के लिए एएनटीएफ को पिछले वित्तीय वर्ष में 12 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था, जबकि इस वर्ष अनुदान को बढ़ाकर 13.5 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिसका उपयोग एएनटीएफ के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जालंधर रेंज में एएनटीएफ का ऐसा ही कार्यालय निर्माणाधीन है, जबकि जल्द सभी रेंज में एएनटीएफ कार्यालय होंगे। डीजीपी ने कहा कि 'सेफ पंजाब' व्हाट्सएप चैटबॉट पोर्टल-9779100200-गेम चेंजर के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि 7635 सुझावों में से जांच के बाद 1596 एफआईआर दर्ज की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 1814 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
15272 तस्कर गिरफ्तार
'युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान के परिणाम साझा करते हुए डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने एक मार्च से अब तक 8960 एफआईआर दर्ज की हैं। 15272 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इस अवसर पर डीआईजी एएनटीएफ संजीव कुमार रामपाल, डीआईजी पटियाला रेंज डॉ. नानक सिंह, एसएसपी वरुण शर्मा और एआईजी एएनटीएफ भूपिंदर सिंह भी मौजूद थे।