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Visa Fraud फर्जी वीज़ा के जाल में फंसे पंजाब के तीन युवक, दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार, मास्टरमाइंड पहले से जेल में

उज्ज्वल जलाली/ट्रिन्यू नयी दिल्ली, 9 जून स्पेन जाने के सपने देख रहे पंजाब के तीन युवकों के साथ धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तीनों को फर्जी शेंगेन वीज़ा और नकली एयर टिकट देकर दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया,...
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उज्ज्वल जलाली/ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 9 जून

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स्पेन जाने के सपने देख रहे पंजाब के तीन युवकों के साथ धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तीनों को फर्जी शेंगेन वीज़ा और नकली एयर टिकट देकर दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया, जबकि जिस व्यक्ति ने उन्हें नौकरी और विदेश यात्रा का सपना दिखाया था—वह पहले से ही पंजाब पुलिस की गिरफ्त में था।

पकड़े गए यात्रियों की पहचान हरजीत सिंह (44), भगवंत सिंह (25) और गुरचरण सिंह (28) के रूप में हुई है। तीनों अमृतसर के अजनाला क्षेत्र के गांवों से हैं और 29 मई को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मैड्रिड की फ्लाइट पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, जब इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारियों ने उन्हें रोका।

मास्टरमाइंड पहले से जेल में, एजेंट ने छिपाई जानकारी

इन युवकों ने लाखों रुपये देकर एक कथित ट्रैवल नेटवर्क से संपर्क किया था। उन्हें बताया गया था कि स्पेन के एक होटल में वेटर की नौकरी मिल गई है। लेकिन जिस मास्टरमाइंड सोनू वालिया ने ये वादे किए थे, वह पहले ही पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर गुरदासपुर जेल में भेजा जा चुका था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, एजेंट कमलदीप सिंह ने जानबूझकर यह जानकारी यात्रियों से छिपाई क्योंकि उसे डर था कि कहीं वे योजना से पीछे न हट जाएं।

17 लाख रुपये की ठगी और योजना पर अडिग एजेंट

कमलदीप ने तीनों युवकों से कुल ₹17 लाख वसूले और उन्हें भरोसा दिलाया कि वीज़ा, टिकट और नौकरी पूरी तरह असली हैं। बावजूद इसके कि सोनू वालिया पहले ही गिरफ्तार हो चुका था, कमलदीप ने योजना को आगे बढ़ाया और तीनों को दिल्ली तक ले आया।

जब यात्री एयरलाइन काउंटर पर पहुंचे और टिकट दिखाए, तो एयरलाइन सिस्टम में उनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। संदेह के चलते जब स्विस दूतावास के अधिकारियों ने उनके वीज़ा की जांच की, तो वे पूरी तरह फर्जी पाए गए—उनमें जरूरी सुरक्षा फीचर्स ही नहीं थे।

हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी, फिर एजेंट की तलाश

तीनों यात्रियों को मौके पर ही हिरासत में लिया गया और बाद में भारतीय दंड संहिता और पासपोर्ट अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने एजेंट कमलदीप का नाम लिया, जो इस दौरान फरार हो गया था।

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और स्थानीय खुफिया तंत्र की मदद से करीब 300 किलोमीटर की लंबी तलाश के बाद कमलदीप को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।

जांच जारी, पूरे नेटवर्क की तलाश में पुलिस

पुलिस अब गुरदासपुर जेल में बंद सोनू वालिया को भी इस मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने की प्रक्रिया में है। साथ ही, फर्जी वीज़ा नेटवर्क के अन्य एजेंटों की पहचान की जा रही है। बैंक खातों की जांच हो रही है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये नकली वीज़ा कहां से तैयार किए गए थे।

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