विजीलेंस का बड़ा एक्शन : पीएम राइस मिल पर छापे के बाद 13 आढ़ती तलब
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान धान के गट्ठों के वजन में कथित तौर पर अंतर और कुछ अन्य अनियमितताओं के संकेत सामने आए। इन आशंकाओं के आधार पर विजीलेंस ने शैलर की पूरी खरीद प्रक्रिया को जांच दायरे में लेते हुए नोटिस जारी किए हैं। क्षेत्र में लगभग 800 क्विंटल के कथित वजन अंतर की चर्चा ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
शैलर कारोबार से जुड़े जानकारों का कहना है कि पंजाब में वर्षों से नज़दीकियों व ब्लड रिलेशनशिप में आढ़त फर्में खड़ी कर मनमर्जी से किसानों से सीधे धान खरीदने, मुनाफाखोरी करने और वजन में हेरफेर जैसे हथकंडों का खेल चलता आ रहा है। इसमें खरीद एजेंसियों और मार्केट कमेटियों की मिलीभगत भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं।
विजीलेंस ब्यूरो ने जिन 13 आढ़त फर्मों को नोटिस भेजे हैं, उनमें प्रभदियाल मेघराज, नंदलाल ललित कुमार, रंजीत सिंह गुरप्यास सिंह, सरां पेस्टीसाइड्स, तुषार ट्रेडिंग कंपनी, जगा ट्रेडिंग कंपनी, महिता ब्रदर्स, कृष्ण लाल अग्रवाल, शुभ राम बिहारी लाल, झालरिया ब्रदर्स, हरगुलाल सेठी एंड संस, सुखमन ट्रेडिंग कंपनी और बांसल ब्रदर्स शामिल हैं।
कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन, मंडी किलियांवाली के पूर्व प्रधान गुरप्यास सिंह नंबरदार ने नोटिस जारी होने की पुष्टि करते हुए बताया कि विजीलेंस को शक है कि पीएम राइस मिल में बाहर से धान लाया गया होगा। इसी कारण संबंधित फर्मों से जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि उनकी फर्मों ने नियमों के अनुसार सरकारी एजेंसी को ही धान बेचा है।
वहीं, हरगुलाल सेठी एंड कंपनी के भूपिंदर कुमार उर्फ़ ‘भिंदा सेठी’ ने बताया कि शैलर में धान के गट्टों का वजन कथित कम पाए जाने की वजह से उन्हें नोटिस आए हैं, जबकि उन्होंने पूरी मात्रा में ही गट्ठे भेजे थे।
गौरतलब है कि 15 नवंबर को विजीलेंस ब्यूरो श्री मुक्तसर साहिब के डीएसपी अमनदीप सिंह मान की अगुवाई में पीएम राइस मिल पर छापेमारी की गई थी।
