लुधियाना, 7 मार्च (निस)
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े पंजाब के आंदोलनकारी किसान संगठनों ने चंडीगढ़ बिजली बोर्ड के निजीकरण, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) से पंजाब का प्रतिनिधित्व खत्म करने और केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली मोर्चा की स्वीकृत मांगों को लागू न करने के खिलाफ आज यहाँ लघु सचिवालय के बाहर जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। विभिन्न किसान यूनियनों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं करने के लिए उनकी आलोचना की। प्रवक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों के अधिकारों पर हमला कर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पंजाब और हरियाणा के प्रतिनिधित्व का अधिकार छीन लिया है, जिससे राज्य को नुकसान होगा। केंद्र सरकार राज्यों से बांधों और उनके प्राकृतिक संसाधनों को छीनकर बड़े कॉरपोरेट्स को देना चाहती है। धरना और रैली के बाद उपायुक्त लुधियाना को ज्ञापन सौंपा गया। रैली की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन-दकोंडा से महिंदर सिंह कमलपुरा, भारतीय किसान यूनियन-कदियां से हरदीप सिंह ग्यासपुरा, जम्हूरी किसान सभा से बलराज सिंह कोट उमरान, कुल हिंद किसान सभा (1936) भारतीय किसान यूनियन-पंजाब से सुरिंदर सिंह जलालदीवाल ने की। किसान यूनियन से बूटा सिंह चकर, कीर्ति किसान यूनियन से तरलोचन सिंह जोरान और एआईकेएफ से सुखदेव सिंह किला रायपुर। विचार व्यक्त करने वालों में बलबीर सिंह राजेवाल, रघबीर सिंह बेनीपाल, चमकौर सिंह, साधु सिंह अचारवाल, इंद्रजीत सिंह धालीवाल, चरण सराभा, मनप्रीत सिंह घुलाल, डॉ. गुरचरण सिंह, परगट सिंह कोटपनाच और अधिवक्ता कुलदीप सिंह ग्रेवाल शामिल थे।
होशियारपुर (निस) : केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के अधिकारों पर किए जा रहे कथित कब्जे और संविधान उल्लंघना के विरोध में आज विभिन्न किसान संगठनों द्वारा लघु सचिवालय होशियारपुर के सामने प्रदर्शन किया गया। इसके उपरांत जिलाधीश के मधा्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र भेजा गया।