पराली प्रबंधन मशीनों पर 80% तक सब्सिडी
चंडीगढ़, 6 अक्तूबर (हप्र)
किसानों को पराली जलाने से रोकने के उपाय के तौर पर पंजाब के सहकारी बैंकों ने ‘फसल अवशेष प्रबंधन ऋण योजना’ शुरू की है। इसके तहत किसानों को पराली प्रबंधन संबंधी मशीनें खरीदने के लिए आसान ऋण की सुविधा दी जाएगी। इसमें 80 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान भी है।
मुख्यमंत्री मान ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बायो-ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा देने की भी बात कही। उन्होंने कहा, इसके लिए कृषि अवशेष आपूर्ति शृंखला में उद्योगों और किसानों की अधिकतम भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह पहल बायोमास आपूर्ति शृंखला के माध्यम से बायो-ऊर्जा उद्योग तक कृषि अवशेषों की पहुंच सुनिश्चित करके प्रदूषण से बचाने में मदद करेगी। मान ने कहा कि बिजली उत्पादन इकाइयां, कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र, 2जी एथेनॉल फैक्ट्रियां फसल अवशेषों पर आधारित अपनी आपूर्ति शृंखला को मजबूत कर सकती हैं। इस कदम से बायो-ईंधन उद्योग को समग्र रूप से लाभ हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली का उपयोग करने वाले विभिन्न उद्योगों के आसपास क्लस्टर आधारित आपूर्ति शृंखला तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपूर्ति शृंखला के लाभार्थी पराली इकट्ठी करके कम्प्रेस करेंगे और आवश्यकता के अनुसार विभिन्न उपभोक्ताओं या उद्योगों को उपलब्ध कराएंगे।