केंद्रीय कृषि मंत्री पंजाब में : किसानों की समस्याएं सुनीं, पराली प्रबंधन पर जोर
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज निहाल सिंह वाला क्षेत्र के रणसिंह कलां गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने पंजाब के किसानों की मेहनत, नवाचार और खेती में अपनाई जा रही नई तकनीकों की खुलकर सराहना की। अपने दौरे की शुरुआत उन्होंने स्थानीय गुरुद्वारे में अरदास से की। इसके बाद उन्होंने पंजाब में टिकाउ खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ खेतों का जायज़ा लिया।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से बातचीत और पराली प्रबंधन पर जोर
चौहान ने किसानों के साथ बैठकर उनके खेतीबाड़ी तरीकों—सीधी बुआई, कम खाद इस्तेमाल और पराली प्रबंधन—की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 83% की कमी आई है, जो देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने की बजाय खाद के रूप में उपयोग करने से मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है और प्रदूषण भी कम होता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह पंजाब के इस मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहते हैं।
को समझने के लिए चौहान ने गांव में बैठकर भोजन किया
दौरे के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों के साथ चारपाई पर बैठकर मक्की दी रोटी, सरसों दा साग और लस्सी का स्वाद लिया। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने जो प्यार और सम्मान दिया, वह अविस्मरणीय है। इससे पहले गांव के सरपंच प्रीत इंदर पाल सिंह मिंटू के घर पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
मंत्री ने गांव के ट्रीटमेंट प्लांट, मॉडल गांव की परियोजनाओं और महाराजा रणजीत सिंह लाइब्रेरी का निरीक्षण किया। किसान यूनियन नेता रविंदर सिंह ने उन्हें किसानों की समस्याओं का ज्ञापन सौंपा, जिस पर मंत्री ने हर संभव समाधान का भरोसा दिया।
अगला पड़ाव: मोगा और जालंधर में किसानों से मुलाकात
केंद्रीय कृषि मंत्री आज Punjab Farmers Issues पर विस्तृत संवाद के लिए मोगा और जालंधर के विभिन्न गांवों में भी किसानों से मुलाकात करेंगे। इस मौके पर सुनील जाखड़ ने कहा कि पराली केवल समस्या नहीं, बल्कि किसानों के लिए आय का बड़ा साधन भी बन सकती है, और इसका हल संवाद से ही संभव है।
