तिरंगे का अपमान करने का मामला : सीएम बोले-माफी मांगों तो एफआईआर होगी रद्द
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि यदि सराज विधानसभा के थुनाग में तिरंगे का अपमान करने वाले लोग माफी मांग लें तो सरकार उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले लेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश विधानसभा में मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्ष द्वारा नियम 67 के तहत लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर आरंभ हुई चर्चा के दौरान कहा कि विरोध अपनी जगह है, लेकिन सरकार तिरंगे का अपमान सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्री एक संवैधानिक पद है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति न तो तिरंगे का अपमान कर सकता है और ही मंत्री का।
राहत पैकेज विशेष, क्षेत्र तक नहीं : सुक्खू
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि आपदा प्रभावित सराज विधानसभा क्षेत्र के लिए घोषित विशेष राहत पैकेज अब क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं रहेगा और सरकार इसे पूरे प्रदेश के लिए एक समान रूप से लागू करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अभी तक वर्ष 2023 के आपदा प्रभावितों को प्रथम किस्त के रूप में 250 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सराज में कुछ लोगों को आपदा राहत पैकेज की दूसरी किस्त इसलिए नहीं मिल पाई, क्योंकि प्रभावितों के पास घर बनाने के लिए जमीन ही नहीं बची है।
थुनाग में तिरंगे का अपमान, सरकार ने बागवानी कॉलेज शिफ्ट किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि थुनाग से बागवानी कॉलेज को मंडी से बाहर स्थानांतरित नहीं किया गया है, बल्कि उसे साथ लगते नाचन विधानसभा क्षेत्र ले जाया गया है। वह भी मंडी जिला का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हालांकि जहां इस कालेज को शिफ्ट किया गया है, वह भी खड्ड के किनारे है और सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों के मुताबिक किसी भी नदी अथवा नाले 100 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
तिरंगे का अपमान करने के आरोप में कई लोगों पर दर्ज की गई है एफआईआर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शेल्टर होम बनाने और इसके लिए पैसे देने को तैयार है, लेकिन जब तक एफसीए और एफआरए कानूनों में संशोधन नहीं किया जाता, तब तक सरकार के लिए कोई भी सरकारी भूमि इस तरह के कार्यों के लिए देना संभव नहीं है। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील की और कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर उनके साथ दिल्ली चलें ताकि केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री से मुलाकात कर इस तरह की अनुमति हासिल की जा सके। उन्होंने कहा कि जब तक इन कानूनों में संशोधन नहीं हो जाता, तब तक एक बिस्वा वन भूमि लेना भी संभव नहीं है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर छतरी-जंजैहली-थुनाग सड़क को सीआरएफ में डलवाने का प्रयास करें, क्योंकि यह सड़क सराज विधानसभा क्षेत्र की लाइफलाइन है।
मुख्यमंत्री ने सराज विधानसभा क्षेत्र को आपदा में मदद न देने के नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को भी गलत करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सराज में आई आपदा के बाद राहत व बचाव कार्य के लिए पहुंचने वाला मुख्यमंत्री ही सबसे पहला व्य़क्ति था। इसके अलावा सरकार ने उप मुख्यमंत्री, मंत्रियों और मंडी के डीसी और एसपी को भी सराज में राहत व बचाव में कार्यों में झोंक के रखा। यही नहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, जो सराज के विधायक भी हैं, को प्रदेश सरकार के खर्चे पर एनडीआरएफ का हेलीकॉप्टर सराज के दूरदराज के इलाकों में जाने के लिए उपलब्ध करवाया गया।