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राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगाया जाम, घटों परेशान हुए वाहन चालक

धान खरीद में देरी से किसानों का सड़क पर उतरा आक्रोश

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धान खरीद को लेकर किसानों ने लालड़ू में अम्बाला-चंडीगढ़ हाईवे को ब्लॉक कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप डेराबस्सी से ट्रैफिक डाइवर्ट होने पर वाहन लंबी जाम में फंसे हुए। - रवि कुमार
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जीरकपुर संगरूर/राजपुरा/लुधियाना/बरनाला, 25 अक्तूबर (हप्र/निस)

पंजाब में धान की धीमी खरीद और उठान के खिलाफ किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लालड़ू में अम्बाला-दिल्ली नेशनल हाईवे पर किसानों ने सड़कों को जाम कर दिया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। भाकियू के कार्यकारी सदस्य मनप्रीत सिंह अमलाला की अगुवाई में आयोजित इस धरने ने लंबी वाहनों की कतारें लगा दी, जिससे यात्रियों और वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रैफिक जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर ट्रैफिक रूट को डायवर्ट करने का निर्णय लिया है।

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आंदोलन के तहत संगरूर जिले में भवानीगढ़, बहादुरपुर, धूरी, छाजली और चीमां जैसे प्रमुख स्थानों पर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। लुधियाना जिले के समराला, खन्ना, दोराहा, माछीवाड़ा, जगराओं, मुलांपुर और रायकोट में भी किसानों ने यातायात को ठप कर दिया। वहीं, बरनाला में किसानों ने 4 हाईवे पर 4 घंटे जाम लगाया और सांसद मीत हेयर के घर के आगे पक्का मोर्चा जारी रखा।

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किसान यूनियनों के नेताओं ने बताया कि पंजाब सरकार की नाकामियों के कारण किसानों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ने परिवर्तन की उम्मीद में आम आदमी पार्टी को वोट दिया था, लेकिन अब किसानों को न तो डीएपी खाद मिल रही है और न ही उनका धान बिक रहा है। इस स्थिति ने किसानों में रोष पैदा कर दिया है, और वे बार-बार सरकार से अपनी समस्याओं का समाधान करने की अपील कर रहे हैं।

राजपुरा में अनाज मंडी के बाहर किसान यूनियन क्रांतिकारी ने भी प्रदर्शन किया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने तीन बजे तक सड़क जाम रखा। किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो 29 अक्तूबर को डीसी कार्यालय पर छापा मारा जाएगा। धरनाकारियों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई केवल अपने अधिकारों के लिए नहीं है, बल्कि समूचे कृषि समुदाय के लिए है।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने इस संकट के लिए पंजाब की आप सरकार और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और किसानों से अपील की कि वे अपनी आवाज उठाते रहें। बरनाला में किसानों ने मंडियों में धान की धीमी खरीद, लिफ्टिंग की सुस्त रफ्तार, और अपनी दुर्दशा को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन जारी रखा है। किसानों ने कहा कि अगर धान खरीद में तेजी नहीं आई, तो वे हाईवे पर स्थायी रूप से जाम लगाएंगे और अपनी फसल सड़कों पर फेंक देंगे। किसानों का कहना है कि केंद्र और पंजाब सरकार उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही हैं।

सरकार फसलों की खरीद में नाकाम : कैप्टन अमरेंद्र

लुधियाना (निस): पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने खन्ना अनाज मंडी का दौरा कर आप सरकार पर पीआर-126 धान की खरीद में विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसान 10 दिनों से मंडियों में बैठे हैं और उनकी फसलें गिर रही हैं। कैप्टन ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मंडियों का दौरा करने को कहा और प्रधानमंत्री मोदी से समस्याओं का समाधान करने का वादा किया, साथ ही किसानों को मुआवजा मिलने की मांग की।

किसानों के प्रति हमदर्दी का दिखावा कर रहे हैं कैप्टन: चीमा

संगरूर (निस) : पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कैप्टन किसानों का मुद्दा नहीं उठाते और अब हमदर्दी का नाटक कर रहे हैं। चीमा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने समय पर चावल नहीं उठाया, जिससे किसान परेशान हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जानबूझकर किसानों को परेशान कर रही है और कैप्टन अपनी खोई राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए नाटक कर रहे हैं।

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