पंजाब के जीएसटी निदेशक (जांच) के अचानक तबादले ने प्रदेश में लोहे और स्टील के स्क्रैप व्यापार में टैक्स चोरी घोटाले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। सरकार ने संयुक्त आयुक्त (अपील) जसकरण सिंह बराड़ से निदेशक (जांच) का प्रभार वापस ले लिया है और हरसिमरत कौर को अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
दिलचस्प बात यह है कि यह तबादला उसी दिन से प्रभावी हुआ है, जिस दिन सीबीआई ने मंडी गोबिंदगढ़ के स्क्रैप व्यापारी की शिकायत पर डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को गिरफ्तार किया था। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि दोनों घटनाओं के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
कराधान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रिब्यून को बताया कि यह तबादला इसलिए हुआ क्योंकि अधिकारी पिछले लगभग दो वर्षों से इस संवेदनशील पद पर थे। पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि विभाग में कोई भी अधिकारी संवेदनशील पदों पर एक साल से ज्यादा नहीं रहेगा। आधिकारिक सूत्रों ने ट्रिब्यून को बताया कि लोहे और स्टील के स्क्रैप की बिक्री एवं खरीद के दौरान टैक्स चोरी की जांच शुरू की जा रही है।
वहीं, मंडी गोबिंदगढ़ के एक व्यापारी ने बताया, ‘मंडी गोबिंदगढ़ में स्थित लगभग 120 सेकेंडरी स्टील फर्नेस इकाइयों में ज्यादातर स्क्रैप राज्य के बाहर से- मुख्यतः दिल्ली, जयपुर और राजस्थान के अन्य स्थानों से व्यापारियों द्वारा लाया जाता है, जिन्हें स्थानीय उद्योग की भाषा में ‘पासर्स’ कहा जाता है, क्योंकि वे जीएसटी चुकाए बिना डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। स्क्रैप से लदे ट्रकों के फर्जी बिल मंडी गोबिंदगढ़ पहुंचने पर नष्ट कर दिए जाते हैं। जीएसटी चुकाए बिना स्क्रैप लोने का काम राज्य के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर नाकों के बावजूद होता है।