मोहाली, 22 जुलाई (निस)
मोहाली की सीबीआई कोर्ट ने 30 साल बाद फेक एनकाउंटर मामले में रिटायर्ड आईपीएस बलकार सिंह, रिटायर्ड एसएचओ उधम सिंह व मौजूदा सब इंस्पेक्टर साहिब सिंह को सुरजीत सिंह का एनकाउंटर कर लाश खुर्द-बुर्द करने के आरोप में 3-3 साल की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई स्पेशल ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट अमनदीप कंबोज की अदालत में हुई हालांकि तीनों आरोपियों को जमानत मिल गई है। सीबीआई ने मामले में कुल 9 लोगों को नामजद किया था जिनमें एक आरोपी सतवंत सिंह की ट्रायल दौरान मौत हो चुकी है जबकि पांच आरोपी बीर सिंह, गोपाल सिंह, बलकार सिंह, तरसेम सिंह व जसबीर सिंह को सबूतों की अभाव में बरी कर दिया गया है। पीडि़त परिवार की तरफ से यह केस एडवोकेट जगजीत सिंह बाजवा लड़ रहे थे।
7 मई 1992 को गांव से पुलिस टीम ने किडनैप किया था सुरजीत सिंह को
एडवोकेट बाजवा ने बताया कि अमृतसर के गांव भौरसी राजपूतां में उस समय के डीएसपी बलकार सिंह, एसएचओ उधम सिंह व एएसआई सतवंत सिंह ने पुलिस पार्टी के साथ 7 मई 1992 को गांव की घेराबंदी की थी। देर शाम 7 बजे गांव से तीन व्यक्तियों सुरजीत सिंह, जतिंदर सिंह व परमजीत सिंह को नाजायज हथियार रखने के आरोप में अपने साथ जंडियाला गुरु थाने ले गई। 15 दिन बाद जतिंदर सिंह को छोड़ दिया गया। चार महीने बाद परमजीत सिंह को भी जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन सुरजीत सिंह घर नहीं लौटा। सुरजीत सिंह से अवैध हथियार बरामद किया बताया गया, जबकि पुलिस सुरजीत सिंह को गांव से किडनैप करके लाई थी। हालांकि दूसरी तरफ पुलिस ने अपनी कहानी में बताया कि सुरजीत से नाकेबंदी दौरान अवैध हथियार मिला था और उसने कबूला था कि उसके पास और अवैध हथियार भी हैं। रास्ते में पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।