अंबेडकर की तस्वीर को लेकर दिल्ली से पंजाब तक हंगामा, पंजाब में AAP को मिला कांग्रेस का साथ
नई दिल्ली/चंडीगढ़, 25 फरवरी (ट्रिन्यू/एजेंसी)
Punjab Delhi Politics: दिल्ली और पंजाब की विधानसभाओं में मंगलवार को उस वक्त जबरदस्त हंगामा देखने को मिला जब आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गई हैं। इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। वहीं, पंजाब विधानसभा में भी आप विधायकों ने इसका विरोध जताते हुए निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की, जिसका नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने समर्थन किया।
दिल्ली और पंजाब में एक साथ उठे इन मुद्दों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी के आरोपों को निराधार बताया है, जबकि आप ने इसे "जनता के जननायक" आंबेडकर का अपमान करार दिया है।
दिल्ली विधानसभा में यह मुद्दा गरमाया तो आप विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी समेत कई विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया। आतिशी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर के चित्र को हटाकर उनका अपमान किया है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, "भाजपा ने बाबासाहेब आंबेडकर के चित्र को हटाकर अपना असली रंग दिखाया है। क्या वे मानते हैं कि नरेंद्र मोदी बाबासाहेब की जगह ले सकते हैं?"
उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली विधानसभा का नेतृत्व एक ऐसी पार्टी कर रही है जो दलित और सिख विरोधी है। भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं, जो उसके असली चरित्र को दर्शाता है।"
पंजाब विधानसभा में उठा मामला, कांग्रेस ने किया समर्थन
दिल्ली के साथ-साथ पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में भी यह मुद्दा उठा। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय से अंबेडकर की तस्वीर हटाए जाने की निंदा की और इसे लेकर प्रस्ताव लाने की मांग की। इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक दल के नेता और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा भी आप के साथ नजर आए।
भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भी हंगामा
इससे पहले, पंजाब विधानसभा के सत्र में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भी हंगामा हुआ। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी सरकार पर पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (पीएसईबी) इंजीनियर्स एसोसिएशन से पार्टी फंड जुटाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मामले की जांच के लिए विशेष समिति गठित करने की मांग की। हालांकि, पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और बाजवा से यह स्पष्ट करने को कहा कि फंड की मांग किसने की थी।
आप के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने भी इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि उन्हें एसोसिएशन के पत्र की जानकारी है, जिसमें एक पार्टी ने फंड के रूप में 50,000 रुपये मांगे थे, लेकिन इसमें किसी पार्टी का नाम नहीं लिखा गया था।