विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 मई
चंडीगढ़ से सात किलोमीटर दूर किशनगढ़ की धर्मशाला में दो शिफ्टों में चल रहे स्कूल के मामले में दैनिक ट्रिब्यून की खबर का असर हुआ है। अब गर्मियों की छुट्टियां खत्म होते ही बच्चे नये स्कूल में पढ़ेंगे। अब वो दूसरे मॉडल स्कूल के बच्चों की तरह डेस्क पर पढ़ाई करेंगे। इसके अलावा उनके हाथ में कंप्यूटर का माउस भी होगा। पीने के लिए आरओ का पानी मिलेगा। इस संबंध में शिक्षा सचिव यूटी पूर्वा गर्ग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। आईएएस अधिकारी पूर्वा गर्ग ने किशनगढ़ स्कूल के नये भवन का अधिकारियों की टीम के साथ दौरा किया। यहां पहुंचकर उन्होंने स्कूल इंचार्ज से स्कूल के लिए डेस्क, फर्नीचर, कंप्यूटर सिस्टम, सीसीटीवी, आरओ के साथ पेयजल कूलर और अन्य संबंधित सामानों की सूची तुरंत मांगी ताकि इसका आर्डर किया जा सके। शिक्षा सचिव स्कूल में अधिकारियों के साथ पहुंची और सिविल, विद्युत और बागवानी के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। चीफ इंजीनियर ने आश्वासन दिया कि जून के आखिरी हफ्ते तक स्कूल में सारी सुविधाओं समेत अन्य निर्माण के कार्य पूरे कर दिए जाएंगे।
बता दें कि दैनिक ट्रिब्यून ने 22 मई के अपने अंक में ‘शिक्षा के मंदिर के ‘द्वार’ का 7 साल से खुलने का इंतजार’ शीर्षक के साथ किशनगढ़ के स्कूल पर खबर को प्रमुखता के साथ प्रकशित किया था। बृहस्पतिवार को मामले पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा सचिव इस स्कूल के निरीक्षण पर निकलीं। किशनगढ़ में 800 बच्चे पिछले 7 साल से बने शिक्षा के मंदिर के ‘द्वार’ खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
शिक्षा सचिव ने ली सुध
यह पहली बार है जब यूटी की शिक्षा सचिव पूर्वा गर्ग इस तरह से स्कूलों के निरीक्षण पर निकलीं। इस दौरान, सचिव शिक्षा ने शिक्षा और इसके महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि इसकी पहली कड़ी है कि स्कूलों में शैक्षिक सुविधाओं का बुनियादी ढांचा पहले विकसित किया जाएं। इस दौरान रेलवे कॉलोनी के प्राथमिक विद्यालय के 196 छात्रों को तथा प्राथमिक पाठशाला मौली कॉम्पलेक्स के 250 छात्रों को और मौली कॉलोनी के सरकारी हाईस्कूल के 1000 विद्यार्थियों को मौली जागरान के हाईस्कूल में शिफ्ट करने का निर्णय लिया।