होशियारपुर, 30 नवंबर (निस)
किसान जत्थेबंदियाँ की तरफ से जियो रिलायंस पर धरना 20वें दिन भी जारी रहा। इस मौके जत्थेबंदियों के नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात में कही हुई बात यह तीन कृषि कानून किसानों की बेहतरी के लिए हैं तो भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी किसी बड़ी गलतफहमी का शिकार हैं। दिल्ली अंदर चल रहे किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के संघर्ष को सिर्फ़ पंजाब के किसानों का संघर्ष कहना उससे बड़ी अज्ञानता वाली बात है। आज देश नहीं दुनिया अंदर यह संघर्ष जो कुल हिंद किसान संघर्ष तालमेल कमेटी और 30 पंजाब की किसान जत्थेबंदियाँ चला रही हैं। धरने के दौरान धरनाकारियें ने ज़ोरदार नारों की आवाज़ में माँग की कि केंद्र सरकार अपना अहंकारी और अड़ियल व्यवहार छोड़ कर कृषि के तीन काले कानूनों और बिजली संशोधन बिल 2020 को तुरंत रद्द करे। इस मौके सर्व साथी कामरेड गुरमेश सिंह, कमलजीत सिंह राजपुर भाईयां, गुरमीत सिंह, बीरभान , राज कुमार जंगी मड़ूली ब्राह्मणा, शिव कुमार बाली, हरमिंदर सिंह लाली हारटा, कुलदीप सिंह, पंकज जसवाल हारटा बडला, राकेश कुमार बबली, जुगल किशोर, जोगिन्द्र सिंह, मनजीत कौर, जगजीत सिंह चोहका, राजिंदर कौर चोहका, राम लुभाया शेरगढ़, धर्मपाल गुरनाम सिंह राजपुर भाईयां आदि किसान उपस्थित थे।
किसानों को बातचीत करनी चाहिए : भाजपा
लुधियाना (निस) : ‘भारतीय जनता पार्टी किसानों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील है लेकिन कुछ विशेष तत्व अपने राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए दोनों के बीच आशंंकाओं और अविश्वास का वातावरण पैदा करके केंद्र सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता को तारपीडो करने का प्रयास कर रहे हैं’। यह बात भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख प्रवक्ता अनिल सरीन ने आज यहां कही। उन्होंने किसान संगठनों द्वारा गृहमंत्री अमित शाह के नये वार्ता प्रस्ताव को स्वीकार करने पर खुशी प्रकट की। श्री सरीन ने कहाकि गम्भीर से गम्भीर समस्या का हल भी आपसी बातचीत द्वारा ही निकाला जाता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि समस्या के समाधान के लिए वार्ता के मुद्दे को लेकर देरी नहीं करनी चाहिए।