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सेवा का भाव राजनीति पर भारी : नंगल में सिख स्वयंसेवकों ने संभाली लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवार

नंगल में लक्ष्मी नारायण मंदिर की सुरक्षा दीवार हाल ही में डैम से आए तेज बहाव में ढह गई। यह मंदिर की पवित्रता और अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा था। लेकिन पिछले तीन दिनों से सिख और हिंदू समुदाय के...
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नंगल में लक्ष्मी नारायण मंदिर की सुरक्षा दीवार हाल ही में डैम से आए तेज बहाव में ढह गई। यह मंदिर की पवित्रता और अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा था। लेकिन पिछले तीन दिनों से सिख और हिंदू समुदाय के स्वयंसेवक कंधे से कंधा मिलाकर पत्थर ढो रहे हैं, सीमेंट घोल रहे हैं और दीवार को दोबारा खड़ा करने में जुटे हैं।सेवा में जुटे सतनाम सिंह ने कहा कि दीवार चाहे मंदिर की हो, लेकिन किसी भी पूजा स्थल की रक्षा सबकी जिम्मेदारी है। गांव-गांव से लोग श्रमदान कर रहे हैं। कुछ निर्माण सामग्री लाए, कुछ भोजन-पानी उपलब्ध करा रहे हैं और कुछ पूरी मेहनत से ईंट-पत्थर जोड़ने में लगे हैं।

दीवार ढहने के बाद राजनीति भी गर्माई। कांग्रेस नेता केपी राणा ने 1.21 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया, वहीं शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने 5 सितंबर को कर सेवा शुरू करवा दी। सरकार ने तकनीकी मजदूरी के लिए आपदा प्रबंधन कोष से 25 लाख रुपये जारी किए।

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स्थानीय दुकानदार राजेश शर्मा ने कहा कि दूसरे धर्म के लोग हमारे मंदिर की रक्षा कर रहे हैं। यही असली पंजाब की पहचान है।’ राजनीतिक बयान चाहे जैसे रहे हों, लेकिन मंदिर की रक्षा की असली तस्वीर वही स्वयंसेवक बने, जिन्होंने बिना प्रचार और कैमरों के चुपचाप अपनी सेवा से सौहार्द की मिसाल पेश की।

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