डीआईजी भुल्लर प्रकरण पर सुखपाल खैरा : 'आप' का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला
विपक्ष की चुप्पी पर भी उठाए सवाल
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और भुलत्थ से विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने डीआईजी भुल्लर प्रकरण सरकार को घेरा है। खैरा ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर जोरदार हमला करते हुए डीआईजी इंदरबीर सिंह भुल्लर के यहां से सीबीआई द्वारा करोड़ों रुपये की नकदी, सोना और महंगी संपत्तियों की बरामदगी को आप सरकार से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार कांड करार दिया है।
खैरा ने इस मामले को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार की पूर्ण विफलता बताते हुए कहा कि इससे "कट्टर ईमानदारी" का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की वास्तविकता उजागर हो गई है।
डीआईजी की गिरफ्तारी से उजागर हुआ आप का दोहरा चरित्र : खैरा
खैरा ने एक बयान जारी कर कहा, "अगर डीआईजी स्तर का अधिकारी आप की निगरानी में इस तरह की अवैध संपत्ति जमा कर सकता है, तो इससे साफ पता चलता है कि राज्य की पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार किस हद तक व्याप्त है।" उन्होंने कहा कि इस घोटाले ने पार्टी के कथित 'स्वच्छ शासन' के दावों की पोल खोल दी है।
डीआईजी भुल्लर प्रकरण पर मुख्यमंत्री और केजरीवाल की चुप्पी पर उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की इस मुद्दे पर चुप्पी को "अपराध और मिलीभगत की मौन स्वीकारोक्ति" बताया। उन्होंने पूछा कि यदि सरकार सच में पारदर्शिता और ईमानदारी की पक्षधर है, तो अब तक किसी बड़े अधिकारी या मंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
सतर्कता ब्यूरो की भूमिका पर भी उठे सवाल
खैरा ने इस बात पर भी चिंता जताई कि इतनी बड़ी भ्रष्टाचार की घटना की भनक तक सतर्कता विभाग को नहीं लगी। उन्होंने कहा, "यह इस बात का प्रमाण है कि आप सरकार में सतर्कता ब्यूरो का उपयोग भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय, विपक्षी नेताओं को डराने-धमकाने के लिए किया जा रहा है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस लगातार इस दुरुपयोग की ओर इशारा करती रही है।
डीआईजी भुल्लर प्रकरण पर विपक्ष की चुप्पी पर हैरानी
खैरा ने इस घोटाले पर अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी को भी चौंकाने वाला बताया और कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में सभी दलों को एकजुट होकर सरकार से जवाब मांगना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह समय सत्ता की चापलूसी करने का नहीं, बल्कि जनता के हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाने का है।"