सिंह साहिबान पंथिक परंपराओं की अनदेखी न करें : एसजीपीसी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा आज तेजा सिंह समुंद्री हाल अमृतसर में आयोजित एक विशेष आम बैठक के दौरान सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में सिंह साहिबानों से अपील की गई कि वे किसी भी मामले पर निर्णय लेते समय पंथिक परंपराओं की अनदेखी न करें। बैठक के बाद शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष राजिंदर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रस्ताव में कहा गया है कि राष्ट्रीय फैसले श्री अकाल तख्त साहिब से लिए जाते हैं और लिए जाते रहेंगे, लेकिन अन्य चार तख्त साहिबों से संबंधित स्थानीय मामलों में उनके परामर्श के बिना हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई मामला विचाराधीन आता है तो विचार-विमर्श के बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए। इसमें संबंधित तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब को फैसले का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाना चाहिए, यदि आम सहमति नहीं बनती है तो उस मामले पर जल्दबाजी में फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। धामी ने कहा कि प्रस्ताव में यह भी अपील की गई है कि पांचों सिंह साहिबानों की बैठक की घोषणा कुछ दिन पहले की जाए, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां विशेष कारणों से तुरंत निर्णय लेना आवश्यक हो। यदि किसी तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब किसी कारणवश बैठक में शामिल नहीं हो पाते हैं, तो श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा 19 नवंबर, 2003 को पारित प्रस्ताव के आलोक में, उन्हें श्री हरमंदिर साहिब के सिंह साहिबानों में से शामिल किया जाए। अध्यक्ष धामी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब में आने वाले पंथिक मुद्दों पर चर्चा के लिए एक सलाहकार बोर्ड का गठन आवश्यक है ताकि पहले इस बोर्ड द्वारा मुद्दों पर चर्चा की जाए और उसके बाद ही बैठक में सिंह साहिबानों द्वारा महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाए। पांच सदस्यीय समिति द्वारा 11 अगस्त को तेजा सिंह समुंद्री हॉल में बैठक बुलाने की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि यह मामला शिरोमणि कमेटी द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब में विचार के लिए भेजा गया है।उन्होंने कहा कि आज की बैठक के दौरान इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों द्वारा पूर्ण रूप से मंजूरी दे दी गई है।