पटियाला/चंडीगढ़, 20 मई (ट्रिन्यू )
34 साल पुराने रोड रेज मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को यहां स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें पटियाला जेल भेज दिया गया। जेल में वे लाइब्रेरी वार्ड में रहेंगे।
इससे पहले, सिद्धू दिनभर पटियाला में अपने पुश्तैनी घर पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वास्थ्य आधार पर आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ और हफ्ते देने के लिए दायर याचिका की सुनवाई की प्रतीक्षा करते रहे। आखिरकार, शाम करीब 4 बजे वे पटियाला की स्थानीय अदालत में सरेंडर करने पहुंचे। सुल्तानपुर लोधी के पूर्व कांग्रेस विधायक नवतेज सिंह चीमा उन्हें गाड़ी में बैठा कर पटियाला कोर्ट ले गए। उनके साथ पूर्व विधायक अश्विनी सेखड़ी, हरदयाल सिंह कंबोज, सुरजीत सिंह धीमान और पार्टी के कुछ अन्य नेता भी रहे। पटियाला के पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी ने सिद्धू से मुलाकात की और उनके साथ कोर्ट गए। शाम करीब 5 बजे माता कौशल्या अस्पताल में सिद्धू का मेडिकल करवाया गया, जिसके बाद उन्हें जेल ले जाया गया। सिद्धू को पुलिस की सरकारी गाड़ी में पिछली सीट पर बैठाया गया। उनके साथ पुलिस कर्मी भी थे।
8 महीने से कम रहना पड़ेगा जेल में : सिद्धू इससे पहले इसी केस में 4 महीने जेल में काट चुके हैं। अगर नवजोत सिंह सिद्धू का आचरण अच्छा रहा तो उन्हें 8 महीने से भी कम समय जेल में रहना होगा। अच्छे आचरण की स्थिति में पंजाब सरकार उन्हें विशेष छूट दे सकती है। सिद्धू को रात खाना भी जेल में ही दिया गया। पंजाब सरकार की हालिया अधिसूचना के अनुसार सिद्धू को कम से कम 28 दिनों की पैरोल मिल सकती है।
जेल में बंद अधिकारी होंगे साथी
जेल के लाइब्रेरी वार्ड में सिद्धू के साथ 8 से 10 कैदी होंगे। लाइब्रेरी वार्ड का इस्तेमाल आमतौर पर जेल में बंद पुलिस या केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों के लिए किया जाता है। फिलहाल यहां 8 से 10 अधिकारी सजा काट रहे हैं। इस वार्ड के कैदियों को जेल में परोसे जाने वाले खाने में उनकी पसंद के हिसाब से मसाले डालने और सेमी-फ्राई की अनुमति होती है। वार्ड में एक बड़ा हॉल है, जहां चबूतरे बने हुए हैं, जिनका इस्तेमाल सोने के लिए बिस्तर के रूप में किया जाता है।
अभी नहीं दिया जाएगा कोई काम
जेल नियमों के अनुसार सिद्धू को सफेद कपड़े पहनने होंगे। शुरुआत में वह अपने बैरक को 2 कैदियों के साथ साझा करेंगे। एक जेल अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि सिद्धू को तुरंत कोई काम नहीं दिया जाएगा। चूंकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कठोर कारावास की सजा सुनाई है, इसलिए सिद्धू को जेल के अंदर काम करना होगा और उन पर कुछ प्रतिबंध भी रहेंगे।