चंडीगढ़, 10 अप्रैल (ट्रिन्यू)
नवजोत सिद्धू की कई दिनों की लॉबिंग के बावजूद पार्टी हाईकमान ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को पार्टी की कमान सौंप दी है। चुनाव में करारी हार के बाद नवजोत सिद्धू ने बीती 16 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दिया था।
नवजोत सिद्धू करीब आठ माह कांग्रेस के प्रधान रहे। इस कार्यकाल के दौरान अपनी कार्य प्रणाली की बजाए बयानबाजियों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। छोटे से कार्यकाल के दौरान नवजोत सिद्धू आए दिन किसी न किसी विवाद में उलझते रहे हैं। उनके बयानों के कारण पंजाब कांग्रेस लीडरशिप कई बार असहज हुई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ खींचतान के चलते कांग्रेस हाईकमान ने 18 जुलाई 2021 को सुनील जाखड़ को हटाकर नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी। सिद्धू के साथ कांग्रेस हाईकमान ने कुलजीत सिंह नागरा, संगत सिंह गिलजियां, पवन गोयल तथा सुखविंदर सिंह डैनी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। अमरिंदर सिंह के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद फिर से विवाद शुरू हो गया। पंजाब में डीजीपी तथा महाधिवक्ता की नियुक्ति से नाराज नवजोत सिद्धू ने 28 सितंबर 2021 को इस्तीफा दे दिया।
चन्नी सरकार द्वारा अपना फैसला बदले जाने के बाद नवजोत सिद्धू ने दोबारा कार्यभार संभाला। पंजाब में जैसे-जैसे चुनाव करीब आए वैसे-वैसे नवजोत सिद्धू बयानों को लेकर चर्चा में आए। नवजोत सिद्धू ने पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ बयान दिया जो समूची पंजाब पुलिस उनके खिलाफ हो गई। पंजाब में कई जगह पुलिस कर्मियों ने खुलकर सिद्धू के खिलाफ बयान दिया।