राजपुरा में लगभग 37 वर्ष पूर्व पंजाब सरकार द्वारा उद्योग लगाने के उद्देश्य से अधिगृहीत की गई सील फैक्टरी की खाली पड़ी जमीन का मामला एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं और संबंधित कंपनी को अपना पक्ष रखने के निर्देश भी दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 1993 में पंजाब सरकार ने राजपुरा के चार गांवों की लगभग 469 एकड़ भूमि श्रीराम इंडस्ट्रियल एंटरप्राइज़ेज लिमिटेड को एक समझौते के तहत उद्योग लगाने के लिए दी थी। लेकिन वर्षों तक उद्योग न लगाए जाने के बाद कंपनी ने यह जमीन एसबीपी नामक निजी कंपनी को बेच दी, जिसने अब वहां औद्योगिक, कमर्शियल और रिहायशी प्लॉट काटने शुरू कर दिए हैं।
इस पर संबंधित गांवों के असली जमीन मालिकों और किसान जत्थेबंदियों ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एडवोकेट अमरिंदर प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने 2 दिसंबर 2025 तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है और जमीन बेचने वाली कंपनी को अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।