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Sangrur News बीड़ ऐशवन बना पुलिस छावनी: भूमि संघर्ष कमेटी के मोर्चे से पहले ही सख्ती, महिलाओं समेत कई कार्यकर्ता गिरफ्तार

गुरतेज सिंह प्यासा/निस संगरूर, 20 मई Sangrur News संगरूर जिले के निकट बीड़ ऐशवन क्षेत्र सोमवार को भारी पुलिस बल की तैनाती के चलते पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। भूमि प्राप्ति संघर्ष कमेटी द्वारा घोषित ‘बेगमपुरा बसाओ अभियान’ को...
प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लेती पुलिस। -निस
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गुरतेज सिंह प्यासा/निस

संगरूर, 20 मई

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Sangrur News संगरूर जिले के निकट बीड़ ऐशवन क्षेत्र सोमवार को भारी पुलिस बल की तैनाती के चलते पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। भूमि प्राप्ति संघर्ष कमेटी द्वारा घोषित ‘बेगमपुरा बसाओ अभियान’ को रोकने के लिए प्रशासन ने सूर्योदय से पहले ही सख्त कदम उठाते हुए व्यापक नाकेबंदी कर दी और क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया।

कमेटी ने 927 एकड़ जमीन पर स्थायी मोर्चा स्थापित कर गरीबों व मजदूरों के लिए बस्ती बसाने का ऐलान किया था। राज्य भर से हजारों कार्यकर्ताओं के जुटने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही रणनीति तैयार कर ली थी। सोमवार तड़के से ही बीड़ ऐशवन की ओर आने वाले रास्तों—सोहियां रोड, खेड़ी, महला चौक और घराचों सहित विभिन्न मार्गों—को सील कर दिया गया। कई स्थानों पर मिट्टी से भरे टिप्पर सड़कों पर खड़े कर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया।

कार्यक्रम से पहले नेताओं के घरों पर छापे

सूत्रों के अनुसार, बीते दो दिनों से पुलिस द्वारा मजदूर संगठनों और संघर्ष कमेटी के नेताओं के घरों पर छापेमारी की जा रही थी। सोमवार को मोर्चे के एलान से पूर्व ही दर्जनों नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। कई कार्यकर्ताओं को सुबह-सवेरे बीड़ ऐशवन की ओर जाते समय रास्ते में ही रोककर विभिन्न थानों में भेजा गया।

महिलाओं और मजदूरों को पुलिस बसों में भरकर ले गई

घराचों गांव में एकत्र हुए बड़ी संख्या में मजदूरों और महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया। उन्हें पुलिस बसों में भरकर संगरूर थाने ले जाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोग शांतिपूर्वक इकट्ठा हो रहे थे और किसी प्रकार की अराजकता नहीं फैली थी।

आंदोलनकारी बोले—‘आवाज़ को दबाया जा रहा है’

भूमि प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए भूमि की मांग करना अपराध नहीं है और न ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन को इस तरह से रोका जाना संविधानसम्मत है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गरीबों की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है।

स्थानीय लोग भी प्रभावित, जनजीवन अस्त-व्यस्त

इलाके में भारी पुलिस बंदोबस्त के चलते आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ। स्थानीय निवासियों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। गग्गड़पुर-ईलवाल सड़क को बंद कर दिए जाने से स्कूल जाने वाले बच्चों और ग्रामीणों को विशेष रूप से दिक्कत आई।

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