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पानी-पानी हुआ संगरूर अस्पताल : मरीजों की जिंदगी दांव पर, संक्रमण का खतरा

लगातार बारिश ने संगरूर के सरकारी सिविल अस्पताल की तस्वीर भयावह बना दी है। पूरा अस्पताल परिसर घुटनों से लेकर ढाई-तीन फीट तक पानी में डूबा हुआ है। सीवेज सिस्टम ठप हो चुका है और गंदे पानी से उठती बदबू...
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 संगरूर का सिविल अस्पताल जलभराव से बेहाल। -निस
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लगातार बारिश ने संगरूर के सरकारी सिविल अस्पताल की तस्वीर भयावह बना दी है। पूरा अस्पताल परिसर घुटनों से लेकर ढाई-तीन फीट तक पानी में डूबा हुआ है। सीवेज सिस्टम ठप हो चुका है और गंदे पानी से उठती बदबू ने अस्पताल को बीमारियों का अड्डा बना दिया है। इलाज की आस में आए मरीज और उनके परिजन कह रहे हैं कि जहां से राहत की उम्मीद थी, वहीं अब नई बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।

मरीज अजीत पाल पाली और इस्तजोत कौर का कहना है कि वे पहले से ही गंदे पानी से फैलने वाली बीमारियों से जूझ रहे हैं, अब अस्पताल की हालत ने चिंता और बढ़ा दी है। डॉक्टर, नर्सें और मरीज रोज़ाना गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। इमरजेंसी और ओपीडी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं।

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परेशानियों की सूची यहीं खत्म नहीं होती। ओपीडी परिसर में 12 से ज्यादा आवारा कुत्ते बैठे रहते हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों में डर बना रहता है कि कहीं हमला न हो जाए। यह तस्वीर जिला अस्पताल की दुर्दशा और प्रशासनिक लापरवाही दोनों को उजागर करती है।

स्थानीय लोगों की मांग है कि मोहल्ला क्लीनिक खोलने से पहले जिला अस्पताल की मरम्मत हो, डॉक्टरों की कमी पूरी की जाए और भवन व सड़कों को दुरुस्त किया जाए। उनका कहना है कि यह अस्पताल खुद बीमार हो चुका है और अब तत्काल इलाज की दरकार है।

आसपास की सड़कें ऊंची होने से भरा पानी : एसएमओ

एसएमओ डॉ. विनोद कुमार का कहना है कि अस्पताल पुराना है और आसपास की सड़कें ऊंची हो जाने के कारण बारिश का पानी यहां भर जाता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर और स्टाफ पूरी निष्ठा से ड्यूटी निभा रहे हैं और बारिश थमते ही हालात सुधर जाएंगे।

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