चंडीगढ़, 7 जून (एजेंसी)
पंजाब सरकार ने सोमवार को प्रदेश में कोविड प्रतिबंधों को 15 जून तक बढ़ाने की घोषणा की। हालांकि, दुकानों के खुलने में ढील दी गयी है और श्रेणीबद्ध दृष्टिकोण अपनाते हुए शाम 6 बजे तक दुकानों को खोलने की अनुमति दी गयी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने घोषणा की कि रात का कर्फ्यू ‘सोमवार से शनिवार तक’ शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक जारी रहेगा, वीकेंड कर्फ्यू अब रविवार को होगा। इससे पहले प्रदेश में वीकेंड कर्फ्यू शनिवार और रविवार को होता था। सरकारी बयान के अनुसार प्रदेश में संक्रमण दर कम होकर 3.2 प्रतिशत पर आ गयी है और उपचाराधीन मामलों में भी कमी आयी है। बयान में कहा गया है कि प्रदेश में होने वाले विवाह एवं अंतिम संस्कार में 20 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति होगी। कोविड समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आगमन के लिए प्रवेश प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक मेलजोल में दूरी तथा कोविड के उचित प्रोटोकाल का पालन करते हुये भर्ती परीक्षाओं की अनुमति दी गयी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आनलाइन परीक्षाओं को प्राथमिकता दी जायेगी। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिये खेल प्रशिक्षण के लिये भी अनुमति दी गयी है और खेल एवं युवा मामलों के विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के लिये कहा गया है जिसका सख्ती के साथ पालन करना होगा। जिला प्रशासन गैर-आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को सप्ताहांत में भी स्थानीय स्थिति के आधार पर खोले जाने का निर्धारण कर सकता है। सरकारी कार्यालयों के बारे में उन्होंने कहा कि संबंधित कार्यालय के प्रमुख उपस्थिति के बारे में निर्णय करेंगे लेकिन ऐसे दूसरे रोगों से ग्रसित एवं दिव्यांग कर्मचारियों को इससे छूट दी जा सकती है जिन्हें अधिक खतरा है।
अकाली नेताओं ने दिया स्वास्थ्य मंत्री के घर के बाहर धरना
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल ने स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के मोहाली स्थित आवास के बाहर धरना दिया और निजी अस्पतालों को कोरोना वायरस टीका दिए जाने के मुद्दे पर सिद्धू को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नीत राज्य सरकार, निजी अस्पतालों को टीका बेच कर पैसा कमा रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ लोग कोविड-19 से मर रहे हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार टीका बेचकर “पैसा कमा” रही है। बादल ने कथित “टीका घोटाले” के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह से सिद्धू को बर्खास्त करने की मांग की। प्रेम सिंह चंदूमाजरा, शरणजीत सिंह ढिल्लों, एनके शर्मा और दलजीत सिंह चीमा समेत शिअद के कई वरिष्ठ नेताओं ने धरना प्रदर्शन में भाग लिया।
सीएम अमरेंद्र ने डीजीपी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने सोमवार को पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में धरना-प्रदर्शन करने वाले विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत मामले दर्ज करें। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) के कृत्यों को ‘गैर जिम्मेदाराना’ और कोविड-19 को देखते हुए राज्य में लागू पाबंदियों का घोर उल्लंघन करार देते हुए मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुपता से कहा कि कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
कोरोना वायरस के टीके निजी अस्पतालों को ‘देने के’ मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के खिलाफ आप ने रविवार को जहां प्रदर्शन किया वहीं शिअद ने सोमवार को ‘धरना’ दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब लोग विवाह एवं अंतिम संस्कार के लिए भी इकट्ठा नहीं हो सकते हैं, इन दलों के नेता और कार्यकर्ता ‘उच्छृंखल तरीके’ से व्यवहार कर रहे हैं जो पंजाब के लोगों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवहार को अनुमति नहीं दी जा सकती या बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।