जुपिंदरजीत सिंह/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 मई
‘जब आप पंजाब आएं, तो हमारी बेटी के बलिदान को याद करें, जिसे ड्रग्स के खिलाफ जंग लड़ने के कारण उसके दफ्तर में गोली मार दी गई थी।’ कैप्टन केएल शौरी (सेवानिवृत्त) की यह अपील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है, जो बृहस्पतिवार से पंजाब में चुनाव अभियान शुरू करने वाले हैं।
1971 की जंग लड़ चुके पूर्व सैन्य अधिकारी ने नेहा शौरी की हत्या का उल्लेख किया, जो पंजाब की जोनल ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी और ड्रग फ्लाइंग स्क्वाड की प्रमुख थीं। शौरी ने कहा कि नेहा की हत्या कर दी गई, क्योंकि उसने नशा मुक्ति केंद्रों को ‘ब्यूप्रेनोर्फिन’ गोलियों की सरकारी सप्लाई में बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था। उन्हाेंने कहा, ‘मेरी बेटी ने ड्रग माफिया से लड़ते हुए अपनी जान दे दी। उसने कोई समझौता नहीं किया।’
नेहा ने खुलासा किया था कि गोलियां चोरी की जाती थीं और नशे के आदी लोगों को बेहद महंगी बेची जाती थीं। नशीली दवाओं के खिलाफ विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का नेतृत्व करने वाले एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू की जांच में भी रिकॉर्ड से 200 करोड़ रुपये मूल्य की 5 करोड़ गोलियां बरामद हुईं। यह आरोप लगाया गया था कि यह गोली युवाओं के लिए वैकल्पिक नशा व लत बन गई है और नशामुक्ति केंद्रों ने इसे बढ़ावा दिया। नेहा ने 40 से अधिक ऐसे केंद्रों के लाइसेंस निलंबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बलविंदर सिंह नाम के शख्स ने 29 मार्च 2019 को खरड़ में पंजाब खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय (एफडीए) में नेहा की हत्या कर दी थी। बलविंदर केमिस्ट की एक दुकान का मालिक था और एक नशा मुक्ति केंद्र के साथ काम करता था। हमला करने के बाद वह सीढ़ियों से उतरकर भागा, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से एफडीए कार्यालय के गेट पर उसने खुद को ‘दो बार’ गोली मार ली थी, एक छाती में और दूसरी सिर में।
कैप्टन शौरी पुलिस जांच को दिखावा मानते हैं। चश्मदीद और पुलिस जांच के अनुसार, हमलावर ने जिस रिवॉल्वर से नेहा पर गोलियां चलायीं, उसी से खुद को मारा। हालांकि, पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट में नेहा और हमलावर के शरीर पर गोलियों से बने जख्मों का आकार अलग था। कैप्टन शौरी यह भी कहते हैं कि यह बेहद असंभव है कि हमलावर ने आत्महत्या करने के लिए पहले खुद को सीने में और फिर सिर में गोली मारी।