रावी, सतलुज को साफ कर गहरा व चौड़ा किया जाएगा : चीमा
वित्त एवं योजना मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि पंजाब सरकार राज्य को बाढ़ की तबाही से स्थायी रूप से बचाने के लिए बेहद गंभीर है। इसी कारण जहां रावी और सतलुज नदियों को साफ़ कर उन्हें गहरा और चौड़ा करने का प्रस्ताव है, वहीं ब्यास नदी की सफ़ाई के लिए भी केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है। वित्त मंत्री ने दिड़बा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 2023 और 2025 में आई बाढ़ों के कारण पंजाब और यहां के लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। इससे पहले भी राज्य को कई बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है। राज्य को बाढ़ जैसी स्थिति से स्थायी रूप से सुरक्षित करने के लिए नदियों की सफ़ाई (डीसिल्टिंग) कराना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। रावी और सतलुज नदियों की सफ़ाई, गहराई और चौड़ाई का काम पंजाब सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, जबकि ब्यास नदी को केंद्र सरकार ने रामसर साइट घोषित किया है, जिसकी सफ़ाई के लिए केंद्र की मंज़ूरी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि राज्य से होकर बहने वाली ब्यास नदी के 28 स्थानों की पहचान की गई है, जहां तत्काल सफ़ाई की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि इन तीनों नदियों की सफ़ाई कर दी जाती है, तो पंजाब भविष्य में बाढ़ के खतरे से काफी हद तक सुरक्षित हो सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह नदियों की आवश्यक सफ़ाई के लिए पंजाब सरकार को अधिक से अधिक सहायता प्रदान करे। उन्होंने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हिमाचल प्रदेश और राजस्थान को स्थायी सदस्य बनाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ तो यह पंजाब और पंजाबियों के साथ एक और अन्याय होगा, जिसे राज्य की जनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार किसी भी हालत में भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड पर अन्य राज्यों का नियंत्रण नहीं होने देगी।