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पंजाब में बाढ़ पीड़ितों से मिले राहुल गांधी

अमृतसर और गुरदासपुर के प्रभावित इलाकों का किया दौरा
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते हुए। -प्रेट्र
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को पंजाब में अमृतसर और गुरदासपुर जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों से बातचीत की। इस दौरान पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा, अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला, गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा और पार्टी के अन्य नेता भी उनके साथ थे।

राहुल गांधी अमृतसर के अजनाला स्थित घोनेवाल गांव में बाढ़ प्रभावित कुछ लोगों के बीच बैठे। घोनेवाल गांव का दौरा करने के बाद उन्होंने अमृतसर के रामदास क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा साहिब में मत्था टेका। पार्टी के पंजाब प्रभारी भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी इस अवसर पर मौजूद थे।

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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बाद में गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक स्थित बाढ़ प्रभावित गुरचक गांव का दौरा किया। सांसद सुखजिंदर रंधावा ने राहुल गांधी को बाढ़ से प्रभावित खेत दिखाए।

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘आज घोनेवाल में गांववासियों से मिला- उजड़े आशियाने, बर्बाद खेत, बिखरी जिंदगियां। दर्द आंखाें में साफ दिखता है, मगर हौसला अटूट है। राज्य और केंद्र सरकार, दोनों हर हाल में यह सुनिश्चित करें कि राहत पैकेज और मुआवजा बिना देरी पीड़ितों के हाथों तक पहुंचे, जिन्हें इस वक्त इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हे। मैं इस त्रासदी में हर पीड़ित के साथ खड़ा हूं। उनकी आवाज बुलंद करूंगा और उन्हें हर संभव मदद दिलाना मेरा संकल्प है।’

नहीं जाने दिया रावी पार

गुरदासपुर (ट्रिन्यू) : राहुल गांधी गुरदासपुर में ‘उस पार’ (रावी के उस पार) के सात गांवों में नहीं जा पाये। खबर आई कि राहुल को एनडीआरएफ की नाव से वहां जाना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से यह दौरा रद्द कर दिया गया। पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह क्षेत्र पाकिस्तान के नजदीक होने के कारण इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) से सुरक्षा संबंधी अलर्ट के चलते राहुल गांधी को मकोड़ा पत्तन गांव से आगे जाने से रोका गया। वहीं, कांग्रेस ने यह कहते हुए गड़बड़ी का आरोप लगाया कि पंजाब सरकार और केंद्र इस तथ्य को छिपाना चाहते थे कि इन गांवों तक बिल्कुल भी राहत नहीं पहुंची है।

राहुल को रावी नदी नाव से पार न करने देने का फैसला रविवार को दीनानगर एसडीएम कार्यालय में हुई एक सुरक्षा बैठक में लिया गया था। जब राहुल को इसकी जानकारी दी गई, तो उन्होंने ‘उस-पार’ जाने पर जोर दिया। इस पर कांग्रेस नेताओं ने तीन निजी नावों का इंतजाम कर लिया। आधी रात के आसपास जब पुलिस को इसकी भनक लगी तो नाटकीय घटनाक्रम शुरू हो गया। बेहरामपुर के एसएचओ जतिंदर सिंह को नावें जब्त करने के लिए तैनात किया गया। बताया जाता है कि राहुल ने कहा था, ‘अगर उन्हें रावी नदी तैरकर पार करनी पड़े तो भी वे ‘उस-पार’ जाएंगे।’ बात डीजीपी गौरव यादव तक पहुंची। नावों को मकोड़ा पत्तन तक पहुंचने की अनुमति मिलने के बाद ही मामला शांत हुआ। हालांकि, बाद में पुलिस ने राहुल को यह कहते हुए रोक दिया कि सुरक्षा कारणों से निजी नाव से जाने की अनुमति नहीं दे सकते।

इससे पहले, राहुल ने गुरचक्क गांव में किसानों से बातचीत की। कई जगहों पर, ग्रामीणों ने राहुल को बताया कि बाढ़ के पानी से उनके खेतों में इतनी गाद जमा हो गई है कि उनके लिए कम से कम दो साल तक फसल बोना असंभव हो जाएगा।

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