चंडीगढ़, 11 जुलाई (ट्रिन्यू)
पंजाब सरकार ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को पंजाब की सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है जिसके बाद पार्टी विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि समिति सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों पर सलाह देगी। पंजाब में भगवंत मान सरकार के गठन के बाद यह पहली राजनीतिक नियुक्ति है। एक व्यक्ति, एक पद का नारा देने वाली भगवंत मान सरकार ने राघव चढ्ढा को बड़ी जिम्मेदारी दी है। इस कमेटी के जरिए दिल्ली और पंजाब सरकार के बीच हुए नॉलेज शेयरिंग समझौते को तेजी से लागू किया जाएगा। नयी कमेटी के जरिए शिक्षा और सेहत में बदलाव को लागू किया जाएगा। आम आदमी पार्टी सरकार ने अप्रैल में समिति के गठन को लेकर एक अधिसूचना जारी की थी। तब भी विपक्षी दलों ने इसके गठन की वैधता पर सवाल उठाए थे। अधिसूचना के अनुसार अस्थायी समिति के प्रमुख अध्यक्ष और इसके सदस्य किसी भी मुआवजे, पारिश्रमिक या अनुलाभों के हकदार नहीं होंगे।
‘…पंजाब सरकार को ठेके पर दे दिया’
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने सोमवार को कहा कि चड्ढा को सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त करना ‘उन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने के समान है।’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘पंजाब ने इस बदलाव के लिए मतदान नहीं किया था। ऐसा प्रतीत होता है कि भगवंत मान जी ने पंजाब सरकार को ठेके पर दे दिया है।’ अकाली दल ने भी ट्वीट किया, ‘…सर्कस मास्टर ने पर्दा हटाकर असली खेल चलाने वाले राघव चड्ढा को आधिकारिक तौर पर मंच प्रदान कर दिया है। वस्तुत: मुख्यमंत्री चड्ढा का औपचारिक रूप से महानियंत्रक के रूप में पदभार ग्रहण करना, पंजाबियों के लिए कोई खबर नहीं है। उन्हें हमेशा से पता था कि भगवंत मान के कठपुतली नाच की डोर किसके हाथ में है। अब पर्दा हट गया है और वह दंतहीन शेर सामने है जिस पर पंजाबियों ने भरोसा जताया था।’